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कोरोना वायरस महामारी के दौरान ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में जमकर किया निवेश

कनफेडरेशन ऑफ बिजनेस इंडस्ट्री और ईवाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के बावजूद अप्रैल से जून के दौरान ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में 14 करोड़ पाउंड का निवेश किया है.

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Dhirendra Kumar
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Coronavirus-Covid 19

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) ( Photo Credit : newsnation)

भारत सरकार (Indian Government) द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन, लाइसेंस आवदेनों को मंजूरी के लिए एकल खिड़की सुविधा तथा अन्य प्रोत्साहनों की वजह से कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौरान भी ब्रिटेन की कंपनियों (British Companies) ने भारत में जमकर निवेश किया है. इसी सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दीगई है.  कनफेडरेशन ऑफ बिजनेस इंडस्ट्री और ईवाई की ‘स्टर्लिंग एक्सेस’ रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के बावजूद अप्रैल से जून के दौरान ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में 14 करोड़ पाउंड का निवेश किया है. 

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मार्च, 2020 तक ब्रिटेन और भारत का व्यापार 24 अरब पाउंड पर पहुंचा

रिपोर्ट के अनुसार, मार्च, 2020 तक ब्रिटेन और भारत का व्यापार 24 अरब पाउंड पर पहुंच गया है. एक साल में इसमें करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ब्रिटेन में 120 परियोजनाओं में निवेश किया और 5,429 नए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. इस तरह अमेरिका के बाद भारत, ब्रिटेन में सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है. सीबीआई के भारतीय मूल के अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा कि भारत सरकार ने इस साल कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए काफी प्रयास किए हैं. 

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आपूर्ति श्रृंखला में डिजिटल और ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ाया है और साथ ही बड़े श्रम सुधार लागू किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह महत्वाकांक्षा जाहिर की है कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभाएगा. बिलिमोरिया ने कहा कि इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी अड़चनों को दूर करने की जरूरत है. साथ ही ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार करार के प्रस्ताव पर तेजी से काम करने की जरूरत है.

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