अगर आपने जमीन, इमारत लीज या रेंट पर दी है तो देना होगा जीएसटी
जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद लीज पर दी गई जमीन, रेंट और निर्माणाधीन घरों पर दी जा रही ईएमआई के भुगतान पर जीएसटी चुकाना होगा।
नई दिल्ली:
जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद लीज पर दी गई जमीन, रेंट और निर्माणाधीन घरों पर दी जा रही ईएमआई के भुगतान पर जीएसटी चुकाना होगा।
जमीन और मकान की बिक्री, जीएसटी के दायर में नहीं आएगा। इन पर सिर्फ स्टांप ड्यूटी ही लगेगी।
लीज, रेंट और ईएमआई के भुगतान पर वर्तमान कानून के अनुसार अभी तक इन पर सर्विस टैक्स लागू होता था।
केंद्र सरकार 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने की तैयारी में है। इसमें समाहित सभी प्रावधानों पर राज्यों के साथ सहमति बन चुकी है।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में जीएसटी पेश किया। बिजली को जीएसटी के दायरे से बाहर रखे जाने का फैसला लिया गया है।
जीएसटी में सेंट्रल एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स और स्टेट वैट जैसे तमाम अप्रत्यक्ष कर समाहित किये गये हैं। सेंट्रल जीएसटी बिल में कहा गया है कि किसी भी तरह की लीज, किरायेदारी, भूमि पर कब्जा करने के लिए लाइसेंस पर जीएसटी लागू होगा। जीएसटी बिल में इसे सेवा की आपूर्ति माना गया है।
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जीएसटी बिल के अनुसार किसी भी इमारत के पूरे या आधे हिस्से को लीज या किराये पर देने पर भी जीएसटी लागू होगा। यह रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों की इमारतों दोनों पर लागू होगा।
विधेयक में साफ किया गया है कि जमीन और इमारत (निर्माणाधीन इमारत नहीं) की बिक्री पर जीएसटी लागू नहीं होगा। इसे सप्लाइ ऑफ गुड्स के दायरे से बाहर रखा गया है।
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