नये कर ढांचे में करदाता के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे: राजस्व सचिव
ऐसे व्यक्ति जिसने मकान खरीदने के बारे में नहीं सोचा है, वह नहीं जानता है कि कितनी बचत होगी. जिसकी भविष्य निधि, बीमा में बहुत कम बचत हो.
नई दिल्ली:
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा है कि इस बार बजट में घोषित नई कर दरों से उन करदाताओं के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे जो कि कर बचाने की योजनाओं में निवेश करने के इच्छुक नहीं रहते हैं. पांडे ने मीडिया के साथ बातचीत में 2020-21 के बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए प्रस्तुत नये कर ढांचे के बारे में कहा कि आम करदाता मौजूदा कर छूट और रियायतों को छोड़कर नये कर ढांचे को अपना सकता है. पांडे ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि कौन सा कर ढांचा लाभदायक है और कौन नहीं है. हमने एक विकल्प दे दिया है. हमने किसी को भी रोका नहीं है. नये कर प्रस्ताव किसी को केवल फायदा ही पहुंचायेंगे नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा, कुल मिलाकर इस पूरी प्रक्रिया में, किसी को भी नुकसान नहीं होगा.
राजस्व सचिव ने कहा कि करदाताओं को मौजूदा कर ढांचे के साथ बने रहने का विकल्प उपलब्ध है. वह 50 हजार रुपये तक मानक कटौती पाने के साथ ही बचत योजनाओं में निवेश के जरिये 1.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं और पांच प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से कर भुगतान कर सकते हैं. उन्होंने कहा, दूसरी तरफ नई व्यवस्था को अपनाने पर वह निम्न कर दरों पर भुगतान कर सकते हैं और उन्हें छूट पाने के लिये किसी भी योजना में निवेश करने की जरूरत नहीं है. पांडे ने कहा, हम उन लोगों को यह विकल्प दे रहे हैं जो कि कटौती और छूट का लाभ नहीं ले पाते हैं. ऐसे लोग कौन हो सकते हैं- जिन लोगों की नई नई नौकरी लगी है. ऐसे व्यक्ति जिसने मकान खरीदने के बारे में नहीं सोचा है, वह नहीं जानता है कि कितनी बचत होगी. जिसकी भविष्य निधि, बीमा में बहुत कम बचत हो. हो सकता है उसे अपनी कमाई के हिसाब से नई योजना बेहतर लगे.
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इसी प्रकार पेंशन पर गुजारा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये नई व्यवस्था बेहतर हो सकती है. उन्हें न तो कोई मकान खरीदना होता है और न ही पीएफ में पैसा रखना होता है. छोटे दुकानदारों और कारोबारियों के लिये भी नया कर ढांचा फायदेमंद हो सकता है जिन्हें एलटीसी और आवास भत्ते का लाभ नहीं मिलता है. नई कर व्यवस्था में ढाई लाख से पांच लाख रुपये की सालाना आय पर पांच प्रतिशत आयकर का प्रस्ताव है. उसके बाद पांच लाख रुपये के ऊपर प्रत्येक ढाई लाख रुपये की आयवृद्धि के साथ क्रमश: 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कर की दर रखी गई है. 15 लाख रुपये अथवा इससे अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव है.
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पांडे ने कहा, यही वजह है कि हमने पुरानी व्यवस्था को बरकरार रखा है और यदि आपको नई व्यवस्था आकर्षक लगती है तो आप आइये अन्यथा मत आइये. इसलिये इसमें किसी तरह के भ्रम अथवा चिंता की कोई बात नहीं है. राजस्व सचिव ने कहा कि करदाताओं को नई और पुरानी कर व्यवस्था में किसी एक को चुनना है. यह काम जुलाई 2021 में कर रिटर्न भरते समय करना होगा. पांडे ने कहा, मैं नहीं कह रहा हूं कि यह (नई व्यवस्था) हर एक के लिये लाभदायक होगी. हो सकता है इससे 30 से 40 प्रतिशत लोगों को ही फायदा हो. लेकिन इससे यदि 30 प्रतिशत लोगों को भी फायदा होता है तब भी यह बड़ी बात है.