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RBI Credit Policy: RBI ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, लगातार पांचवी बार घटाई दरें

RBI Credit Policy: मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक के बाद आज (शुक्रवार) भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के नतीजे की घोषणा कर दी है.

04 Oct 2019, 12:46:24 PM (IST)

नई दिल्ली:

RBI Credit Policy: मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक के बाद आज (शुक्रवार) भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के नतीजे की घोषणा कर दी है. रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार पांचवी बार ब्याज दरों में कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है. RBI ने रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.15 फीसदी से घटाकर 4.90 फीसदी कर दिया है. मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 5.65 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक (RBI) इस साल लगातार चार बार में रेपो दर में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है. 

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MPC की 6 सदस्यीय समिति में से 5 सदस्य ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में थे. गौरतलब है कि आज हुई ब्याज दरों में कटौती के फैसले से पहले भी रिजर्व बैंक (RBI) चार बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है. बता दें कि MPC की छह सदस्यीय समिति की तीन दिन की बैठक 1 अक्टूबर को शुरू हुई थी.

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अगस्त में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती हुई थी
रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की थी. RBI ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया था. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.50 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.65 फीसदी कर दिया था. बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जून, अप्रैल और फरवरी में भी ब्याज दरों में कटौती की थी.

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साढ़े 6 साल के निचले स्तर पर पहुंची GDP ग्रोथ
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) घटकर सिर्फ 5 फीसदी रह गई है. देश की जीडीपी ग्रोथ लुढ़ककर साढ़े छह साल के निचले स्तर पर आ गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी. बता दें कि रिजर्व बैंक (RBI) ने भी भारत की विकास दर के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है.