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डॉ अंबेडकर के अपमान पर चर्चा के लिए मणिकम टैगोर ने दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

डॉ अंबेडकर के अपमान पर चर्चा के लिए मणिकम टैगोर ने दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

डॉ अंबेडकर के अपमान पर चर्चा के लिए मणिकम टैगोर ने दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर आपत्ति जताते हुए सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “मैं सदन का ध्यान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 17 दिसंबर, 2024 को सदन में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के संबंध में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। ये टिप्पणियां न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान करती हैं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को भी आहत करती हैं, जो उन्हें आधुनिक भारत के संस्थापक और सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में सम्मान देते हैं।”

उन्होंने नोटिस में आगे कहा, “संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने डॉ. अंबेडकर के महत्व को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए बार-बार उनका नाम लेना एक फैशन बन गया है। इसकी तुलना भगवान के नाम के आह्वान से की जाती है। उन्होंने यह सुझाव देकर डॉ. अंबेडकर के महान योगदान को और भी तुच्छ बना दिया कि जो लोग कांग्रेस की तरह बार-बार उनका नाम लेंगे, उन्हें स्वर्ग प्राप्त होगा। यह निंदनीय बयान भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में डॉ. अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका को कमजोर करने का एक प्रयास है।”

उन्होंने नोटिस में कहा, “डॉ. अंबेडकर की विरासत को किसी के द्वारा अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। खासकर सत्ता में बैठे लोगों के द्वारा जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे हमेशा खुद को डॉ. अंबेडकर के उन आदर्शों से असहमत पाएंगे, जो सभी के लिए समानता और मानवीय गरिमा में निहित थे। डॉ. अंबेडकर की विरासत राजनीतिक सुविधा का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सम्मान का विषय है। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी न केवल बेहद अपमानजनक है, बल्कि हमारे गणतंत्र की नींव को कमजोर करने का एक खतरनाक प्रयास भी है। कांग्रेस पार्टी इस सदन से इस अपमान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह करती है और मांग करती है कि गृह मंत्री अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगें।”

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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