logo-image

Putin Arrest Warrant: आईसीसी को चीन ने लिया आड़े हाथों, कहा-दोहरे मानकों से बचे

यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आईसीसी का अरेस्ट वारंट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रस्तावित रूस यात्रा से कुछ दिन पहले आया है.

Updated on: 20 Mar 2023, 03:22 PM

highlights

  • आज रात मॉस्को पहुंचेंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
  • शी के दौरे से पहले आईसीसी ने जारी किया अरेस्ट वारंट

बीजिंग:

युद्ध अपराधों के आरोपों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद चीन ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) से कहा कि वह 'दोहरे मानकों' से बच देश के प्रमुखों की प्रतिरक्षा का सम्मान करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक नियमित ब्रीफिंग में कहा कि अदालत को एक उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष रुख बनाए रखना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अधिकार क्षेत्र से राष्ट्राध्यक्षों की प्रतिरक्षा का सम्मान करना चाहिए. वांग ने अदालत से राजनीतिकरण और दोहरे मानकों से बचने का भी आग्रह किया. साथ ही चीन ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान संवाद और सिर्फ बातचीत ही है.

चीन आईसीसी का सदस्य नहीं
चीन संयुक्त राष्ट्र संधि रोम संविधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है,  जो अदालत को नियंत्रित करती है. अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने शुक्रवार को यूक्रेनी बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने के आरोप में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की घोषणा की थी. हालांकि मॉस्को ने आदेशों को 'शून्य' करार देकर खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि रूस के आईसीसी का सदस्य नहीं होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन को कभी आरोप का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया जा सकता है या नहीं.

यह भी पढ़ेंः देश भर में एक लाख करोड़ की शत्रु संपत्तियां, गृह मंत्रालय ने बेचने की प्रक्रिया शुरू की

जिनपिंग की यात्रा से पहले जारी हुआ अरेस्ट वारंट
यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आईसीसी का अरेस्ट वारंट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रस्तावित रूस यात्रा से कुछ दिन पहले आया है. बीजिगं ने जिनिंग के इस रूस दौरे को दोस्ती, सहयोग और शांति की यात्रा करार दिया है. शी सोमवार को मॉस्को पहुंचेंगे, पुतिन के साथ बातचीत करेंगे और बुधवार को बीजिंग वापस लौटने से पहले एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. वांग ने सोमवार की ब्रीफिंग में कहा, 'दोनों पक्ष वास्तविक बहुपक्षवाद का अभ्यास करेंगे, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को बढ़ावा देंगे, एक बहुध्रुवीय दुनिया का निर्माण करेंगे, वैश्विक शासन में सुधार करेंगे और विश्व विकास और प्रगति में योगदान देंगे.'