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मतदान के बीच पप्पू यादव का बयान, पूर्णिया सीट को लेकर कही बड़ी बात

बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं के लिए आज अहम दिन है. सुबह 7 बजे से पांच सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है. इसके साथ ही कई बूथों पर सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

Updated on: 26 Apr 2024, 09:11 AM

highlights

  • मतदान के बीच पप्पू यादव का बयान
  • पूर्णिया सीट को लेकर कहि बड़ी बात 
  • कहा- पूर्णिया को मैंने अपनी मां के रूप में चुना है

 

Patna:

Bihar Lok Sabha Election 2024 Phase 2: बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं के लिए आज अहम दिन है. सुबह 7 बजे से पांच सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है. इसके साथ ही कई बूथों पर सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. वहीं, लोगों में भी वोटिंग को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. इसी बीच पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव का एक बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि, ''पूर्णिया को मैंने अपनी मां के रूप में चुना है. यह आज हॉट सीट क्यों है? क्योंकि यहां के लोगों ने न किसी दल, न पीएम मोदी, न लालू, न नीतीश सिर्फ पप्पू यादव को चुना. जाति, धर्म, मजहब से ऊपर उठकर लोगों ने मुझे चुना.''

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पप्पू यादव का एक अलग पहचान

आपको बता दें कि पप्पू यादव ने अपने निर्दलीय चुनावी अभियान में एक अलग धारा दिखाई है. उन्होंने कहा कि, वह पूर्णिया को अपनी मां के रूप में चुना है, जिससे वह न केवल राजनीतिक बल प्राप्त करें, बल्कि लोगों के दिलों में भी एक अलग पहचान बनाएं.''

पूर्णिया एक हॉट सीट

इसके साथ ही पूर्णिया की यह सीट चुनावी रूप में बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. यहां के लोगों ने न किसी दल, न पीएम मोदी, न लालू, न नीतीश सिर्फ पप्पू यादव को चुना है. इससे साफ होता है कि यहाँ की जनता एक नई राजनीतिक परंपरा के आधार पर विचार कर रही है.

राजनीतिक परंपरा की उम्मीद

वहीं आपको बता दें कि पप्पू यादव के इस अलग चेहरे की बातों से स्पष्ट होता है कि यहां की जनता राजनीतिक परंपरा से ऊपर उठकर सोच रही है. उनका चेहरा और उनकी सोच न केवल जाति, धर्म, और मजहब से परे हैं, बल्कि उनकी नीतियों की दिशा भी एक नई दिशा की ओर है.

नई राजनीति की भूमिका

आपको बता दें कि पप्पू यादव के चेहरे के पीछे एक नई राजनीति की भूमिका है. यह उन्होंने स्थापित कर दिखाई है कि राजनीतिक दलों के बीच के नकारात्मक दलाली और नेताओं के व्यक्तिगत हित के लिए जातिवाद, धर्म और मजहब का उपयोग करने के खिलाफ है.

समाज में बदलाव की आशा

इसके साथ ही आपको बता दें कि पप्पू यादव के चेहरे से समाज में एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है. उनकी यह नई राजनीति समाज में एक बदलाव की आशा बना रही है.