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IPL में ऐसे अरबों की कमाई करती हैं सारी टीमें, BCCI को भी देना पड़ता है हिस्सा

कहीं ना कहीं और कभी ना कभी आईपीएल देखने वाले फैंस के जहन में सवाल तो आया ही होगा की आखिर ये IPL टीमें कमाई कैसे करती हैं? जो खिलाड़ियों को सारी लग्जरी और मोटी-मोटी सैलरी दे देती हैं. तो आइए आज आपको इन सवालों के जवाब देते हैं.

Updated on: 30 May 2023, 07:20 PM

नई दिल्ली:

IPL : आईपीएल 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5वीं ट्रॉफी जीत ली. पूरे देश में चेन्नई की जश्न की धूम है. फैंस ने सड़कों पर उतरकर चेन्नई की जीत को पूरे उत्साह के साथ मनाया. मगर, कहीं ना कहीं और कभी ना कभी आईपीएल देखने वाले फैंस के जहन में सवाल तो आया ही होगा की आखिर ये IPL टीमें कमाई कैसे करती हैं? जो खिलाड़ियों को सारी लग्जरी और मोटी-मोटी सैलरी दे देती हैं. तो आइए आज आपको इन सवालों के जवाब देते हैं और बताते हैं की टीमें किन जरियों से करती हैं कमाई...

कैसे कमाई करती हैं टीमें? 

IPL में कमाई का सबसे बड़ा जरिया मीडिया और ब्रॉडकास्टर हैं. IPL की फ्रेंचाइजी अपने मीडिया राइट्स और ब्रॉडकास्ट के राइट्स को बेचकर सबसे अधिक कमाई करती हैं. फिलहाल ब्रॉडकास्टिंग के राइट्स स्टार स्पोर्ट्स के पास हैं और लाइव स्ट्रीमिंग के राइट्स जियो के पास हैं. खबरों के मुताबिक, शुरुआत में ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होने वाली कमाई का 20% हिस्सा BCCI रखता था और 80% रकम टीमों को मिलती थी. लेकिन धीरे-धीरे ये हिस्सा बढ़कर 50-50 हो गया. 

विज्ञापन से होती है मोटी कमाई

बीसीसीआई IPL में एड्स के जरिए भी मोटी कमाई करती है. खिलाड़ियों की कैप, जर्सी, हेलमेट पर दिखने वाली कंपनियों के नाम और लोगो के लिए भी कंपनियां खूब पैसा देती हैं. आपने देखा होगा आईपीएल के दौरान सभ टीमों के खिलाड़ी कई तरह के एड शूट भी करते हैं. इससे भी मोटी कमाई होती है. 

3 हिस्सों में बंटता है रेवेन्यू

अभी  तक अगर आपको IPL की कमाई के बारे में नहीं समझ आया, तो आपको आसान भाषा में समझाते हैं. सबसे पहले तो IPL टीमों की कमाई को 3 हिस्सों में बांटा जाता है, सेंट्रल रेवेन्यू, प्रमोशनल रेवेन्यू और लोकल रेवेन्यू.  सेंट्रल रेवेन्यू में ही मीडिया ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और टाइटल स्पॉन्सरशिप आता है. इससे टीमों की कमाई का लगभग 60 - 70 % हिस्सा आता है. दूसरा है एड्स और प्रमोशनल रेवेन्यू. इससे टीमें करीब 20-30% तक की कमाई होती है. वहीं, लोकल रेवेन्यू से टीमों की कमाई का 10% हिस्सा आता है. इसमें टिकटों की बिक्री और बाकी चीजें शामिल होती हैं. हर साल 7-8 डोमेस्टिक मैचों के साथ फ्रेंचाइजियों के मालिक, टिकट बिक्री से होने वाले अनुमानित रेवेन्यू अपने पास रखते हैं. बाकी 20% BCCI और स्पॉन्सर्स के बीच बंटता है. टिकटों की बिक्री से होने वाली कमाई आम तौर पर टीम के कैपिटल का 10-15% होती है. इसके अलावा सभी टीमें जर्सी, टोपी और अन्य सामान बेचकर भी कमाई करती हैं.