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स्वतंत्रता दिवस पर जानें क्या है अमृत ​​काल, जिसका PM मोदी कर रहे बार-बार जिक्र?

अमृत ​​काल एक वैदिक ज्योतिष शब्द है जो एक नया उद्यम शुरू करने के लिए सही समय का प्रतीक है. यह वह समय है जब उचित प्रयासों से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है.

Updated on: 15 Aug 2022, 05:13 PM

highlights

  •  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट पेश करते समय किया था अमृत काल  का जिक्र
  • अमृत ​​काल एक वैदिक ज्योतिष शब्द है जो नया उद्यम शुरू करने के लिए सही समय का प्रतीक है
  • 'अमृत काल' का इस्तेमाल पहली बार PM मोदी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान किया

नई दिल्ली:

देश आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है. स्वतंत्रता के पचहत्तर वर्ष शुरू होने के साथ ही देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस दौरान साल भर से देश में विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार आजादी के अपने जान की कुर्बानी देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर रहे हैं. देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने में हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी. स्वतंत्रता संग्राम को याद करते हुए भारत सरकार ने 'हर घर तिंरगा' अभियान चलाया. 
 
स्वतंत्रता के पचहत्तरवें वर्ष में एक शब्द लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृत कालम् या अमृत काल के बारे में बात की. पीएम ने अपने स्वतंत्रता दिवस 2022 के भाषण में भी कई बार अमृत काल का जिक्र किया. लेकिन इसका मतलब क्या है?

अमृत ​​काल एक वैदिक ज्योतिष शब्द है जो एक नया उद्यम शुरू करने के लिए सही समय का प्रतीक है. यह वह समय है जब उचित प्रयासों से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है. पीएम अपने भाषण में महत्वाकांक्षी युवाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि, युवाओं को  हमेशा अपने जीवनकाल में और अधिक कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इस पर सोचना और कार्य करना चाहिए, हमेशा बेहतर सुविधाओं और संसाधनों के इंतजार में  बैठना चाहिए. 

पीएम ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए अगले 25 साल बेहद अहम होने वाले हैं. उन्होंने इसे अमृत काल की शुरुआत बताया. उन्होंने युवा पीढ़ी में विश्वास दिखाया और कहा कि वे उन सभी सपनों को हासिल कर सकते हैं जो राष्ट्र ने देखे हैं.

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उन्होंने औपनिवेशिक मानसिकता के बारे में बात की जो राष्ट्र के विकास में बाधा बन रही है, और हमें इस तरह की सोच से तुरंत कैसे बाहर निकलना चाहिए. उन्होंने समाधान को भारत के पास मौजूद समृद्ध विरासत से जोड़ा. जिस क्षण हम अपनी विरासत को ग्रहण करेंगे, हम आगे की ओर देखने में सक्षम होंगे. 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' को सफल बनाने के लिए देश की एकता भी अहम होने वाली है. बड़ी सफलता के लिए नागरिकों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना होगा.

1 फरवरी, 2022 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए बार-बार 'अमृत काल' शब्द का जिक्र

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी ,2022 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए बार-बार 'अमृत काल' शब्द का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं, जो आजाद भारत के100 पूरे होने के पहले 25 साल लंबी लीडअप है."

उन्होंने यह भी कहा, "बजट अमृत काल के लिए एक खाका का समानांतर ट्रैक रखता है, जो भविष्य को ध्यान में रखते हुए और समावेशी है, जो सीधे तौर पर युवाओं, महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को लाभान्वित करता है."

पीएम मोदी ने पहली बार 2021 में इस शब्द का इस्तेमाल किया था

'अमृत काल' शब्द का इस्तेमाल पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान किया था, जब उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए देश के लिए एक नए रोडमैप का अनावरण किया था. मोदी ने तब कहा था कि अमृत काल का उद्देश्य भारत के नागरिकों के जीवन में सुधार करना, गांवों और शहरों के बीच विकास में विभाजन को कम करना, लोगों के जीवन में सरकार के हस्तक्षेप को कम करना और नवीनतम तकनीक का स्वागत करना है.

मोदी ने कहा था, "भारत ने जहां तेजी से प्रगति की है, वहां विकास की 'संतृप्ति' होनी चाहिए और हर गांव में सड़कें, हर परिवार का बैंक खाता, स्वास्थ्य बीमा, कार्ड और गैस कनेक्शन वाले हर पात्र व्यक्ति के साथ 100 प्रतिशत उपलब्धियां होनी चाहिए."