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PUBG के बाद आखिर क्यों लगा अब BGMI पर प्रतिबंध, समझें चीन का खेल

एक साल में बीजीएमआई के यूजर्स की संख्या भारत में 10 करोड़ के पार चली गई. ऐसे में गेमिंग स्टार्टअप के लिए मजबूत आधार तैयार करने के लिए क्राफ्टन ने भारत के घरेलू वीडियो गेम, ई-स्पोर्ट्स औऱ एंटरटेनमेंट फर्म के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की.

Updated on: 15 Aug 2022, 04:46 PM

highlights

  • दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन का है लोकप्रिय बीजीएमआई गेम
  • इस पर भी चीनी सर्वर को भारतीय यूजर्स का डेटा भेजने का आरोप

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार ने अब पबजी सरीखे एक और गेम बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई) को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. भारत में इस गेम के दस करोड़ यूजर्स थे. दो साल पहले भी मोदी सरकार (Modi Government) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई चीनी एप (Chinese App) को प्रतिबंधित किया था, जिनमें बेहद लोकप्रिय गेम प्लेयर्स अननोन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG) भी शामिल था. महीने के अंत तक मोदी सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में गूगल और एप्पल भी अपने ऑनलाइन स्टोर से इस गेम को हटा देंगी. ऐसे में यह जानना रोचक रहेगा कि भारत में गूगल और एप्पल स्टोर ने आखिर कैसे और क्यों बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम को हटाया है. वह भी तब जब सरकार ने इस गेम पर प्रतिबंध (Ban) को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं दिया है. 

पबजी पर बैन के एक साल बाद लांच हुआ बीजीएमआई
पबजी पर भारत में प्रतिबंध के बाद पबजी मोबाइल इंडिया के नए नाम के साथ यह गेम रिलांच हुआ था. नवंबर 2020 में इसकी जानकारी सामने आई थी. इस कड़ी में देखें तो दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन ने खासकर भारतीय गेमर्स के लिए बीजीएमआई को 2021 में लांच किया था. यानी पबजी पर प्रतिबंध के लगभग एक साल बाद. देश में पबजी को रिलांच करने के लिए पबजी स्टूडियो और दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन ने पबजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत पंजीकृत भी कराया था. फिर जून 2021 में इसे एंड्रायड के बीटा यूजर्स के लिए पहले लांच किया गया. 

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फिर डेटा चोरी का लगा आरोप
यह वर्जन भी विवादों में आ गया, क्योंकि टेंसेंट के स्वामित्व वाले चीनी सर्वरों को इस गेम के जरिये यूजर्स का डेटा भेजा जा रहा था. इस विवाद को तूल पकड़ते देख क्राफ्टन ने इसका अपग्रेड वर्जन लांच किया, जो चीन में स्थित सर्वर संग डेटा शेयरिंग की समस्या को खत्म करता था. क्राफ्टन के मुताबिक मई 2021 में बीजीएमआई गेम भारतीय बाजार के लिए जारी किया गया. 2 जुलाई को एंड्रायड स्मार्ट फोन के लिए और 18 अगस्त को आईओएस के लिए गेम लांच किया गया. देखते ही देखते एक साल में बीजीएमआई के यूजर्स की संख्या भारत में 10 करोड़ के पार चली गई. ऐसे में गेमिंग स्टार्टअप के लिए मजबूत आधार तैयार करने के लिए क्राफ्टन ने भारत के घरेलू वीडियो गेम, ई-स्पोर्ट्स औऱ एंटरटेनमेंट फर्म के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की. 

बीजीएमआई भी चीन को भेज रहा था यूजर्स का डेटा
अब अगर विशेषज्ञों की मानें तो बीजीएमआई अपने नए अवतार के बावजूद चीन स्थित टेंसेंट की निगरानी में ही था. यानी मूल पबजी को प्रतिबंध करने के बावजूद डेटा शेयरिंग की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया था. यह देख प्रहार नाम के एक एनजीओ ने गृह मंत्रालय और सूचना तकनीक मंत्रालय से फरवरी में चीनी एप बीजीएमआई को सूचना तकनीक अधिनियम के अनुच्छेद 69ए के तहत प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. दोनों मंत्रालयों को बीजीएमआई पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करते हुए लिखा गया कि इससे भारत की संप्रभुत्ता और अखंडता समेत देश और राज्य की सुरक्षा को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. पत्र में इस गेम के कारण आम जनजीवन में मंडरा रहे खतरे का भी जिक्र किया गया था.

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28 जुलाई को सरकार ने दिए दिशा-निर्देश
ऐसे में 28 जुलाई को सरकार के दिशा-निर्देशों पर गेमिंग क्षेत्र के दिग्गज अपने अलग-अलग एप स्टोर से गेम को हटा लिया. हालांकि जिन यूजर्स के फोन पर गेम पहले से इंस्टॉल है, वह अभी भी इसे खेलना जारी रख सकते हैं. क्राफ्टन के सीएफओ बे डोंग ग्युन ने बयान जारी कर कहा कंपनी भारत सरकार के सुरक्षा कारणों को समझती है और इसके मद्देनजर यह कदम उठा रही है. इसके बाद गेमिंग बिजनेस से जुड़े कुछ और लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख देश में गेमिंग सिस्टम के विकास के लिए न्यायपूर्ण व्यवहार अपनाने का आग्रह भी किया है. यह पत्र गूगल और एप्पल को स्टोर से गेम हचटाने के दिशा-निर्देश जारी करने के बाद किया गया है. गौरतलब है कि अब तक 270 चीनी एप प्रतिबंधित किए जा चुके हैं. इनमें से कुछ ने नए नाम के साथ भारत में घुसपैठ की कोशिशें कीं, लेकिन उन्हें भी नाकाम कर दिया गया.