logo-image

Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 को लेकर ISRO कर रही बड़ी तैयारी, जानें क्या होने वाला है

अंतरिक्ष में भारत की ताकत का लोहा अब पूरी दुनिया मान रही है.

Updated on: 19 May 2023, 03:59 PM

highlights

  • चंद्रयान 3 को लेकर आई बड़ी अपडेट
  • ISRO ने चंद्रयान 3 की लैंडिंग तकनीक में किए बदलाव
  • इस बार चंद्रयान2 की गलतियों से लिया जा रहा सबक

New Delhi:

Chandrayaan 3: अंतरिक्ष में भारत की ताकत का लोहा अब पूरी दुनिया मान रही है. मंगलयान से लेकर चंद्रयान तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान यानी ISRO लगातार इस क्षेत्र में नए प्रयोगों के जरिए भारत को दुनिया के नक्षे पर सुनहरे अक्षरों में अंकित कर रहा है. इसी कड़ी में इस वर्ष चंद्रयान 3 पर सबकी नजरें टिकी हुई है. कोरोना महामारी के चलते इस मिशन में थोड़ी देरी हो गई है. हालांकि अब तक चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग डेट भी सामने आ रही है. इसरो की मानें तो इस बहुप्रतिक्षित चंद्रयान को जुलाई के महीने में लॉन्च कर दिया जाएगा. 

चंद्रयान 3 को लेकर क्या है ISRO की तैयारी
बेंगलूरु में चंद्रयान 3 को लेकर काम तेजी से चल रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक यान के पेलोड्स की असेंबलिंग का काम स्टार्ट कर दिया गया है. यही वजह है कि इसके आधार पर ये कहा जा रहा है कि जुलाई के महीने में चंद्रयान 3 को लॉन्च कर दिया जाएगा.  हालांकि मौसम का साफ होना बहुत जरूरी है. मौसम ठीक नहीं हुआ तो इसमें और देरी हो सकती है. बता दें कि जुलाई के महीने में मॉनसून अपने पीक पर होता है. 

यह भी पढ़ें - Weather Update: आखिर इस गर्मी में गर्मी महसूस क्यों नहीं हो रही! मई में भी राहत, जानें हो रही बारिश के कारण

इन बातों का रखा जा रहा ध्यान
इसरो की ओर से चंद्रयान2 के दौरान की गई गलतियों को ना दोहराया जाए इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसरो को मुताबिक, चंद्रयान 3 में सिर्फ लैंडर और रोवर ही भेजा जाएगा. जबकि ऑर्बिटर नहीं भेजा जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रयान 3 वहां पहले से मौजूद चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से संपर्क में लाया जाएगा. इस बार इसरो ने चंद्रयान 3 की लैंडिंग टेक्निक को कुछ इसी तरह विकसित किया है. 

चांद के नकली गड्डेों पर टेस्टिंग
इसरो ने बीते वर्ष 2022 में ही उलार्थी कवालू में चंद्रमा के नकली गड्डो निर्मित किए गए थे. इन्हीं गड्ढों में लैंडर और रोवर को लेकर टेस्टिंग भी की गई थी. ये टेस्टिंग काफी हद तक सफल रही थी. बताया जा रहा है कि इस बार लैंडर और रोवर के सैंसर्स की जांच भी कर ली गई है ताकि संपर्क को लेकर ज्यादा दिक्कत ना हो.