logo-image

Shardiya Navratri 2022 Day 2 Maa Brahmacharini Mantra, Stotra, Kavach: मां ब्रह्मचारिणी के इन मंत्रों का जाप, कर देगा व्यक्ति के अहंकार का नाश

Shardiya Navratri 2022 Day 2 Maa Brahmacharini Mantra, Stotra, Kavach: मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करने से आलस्य, अंहकार, लोभ, असत्य, स्वार्थ व ईर्ष्या जैसी दुष्प्रवृत्तियां दूर हो जाती हैं. मां का स्मरण करने से एकाग्रता एवं स्थिरता आती है.

Updated on: 27 Sep 2022, 11:55 AM

नई दिल्ली :

Shardiya Navratri 2022 Day 2 Maa Brahmacharini Mantra, Stotra, Kavach: आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली हैं. माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है. मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करने से आलस्य, अंहकार, लोभ, असत्य, स्वार्थ व ईर्ष्या जैसी दुष्प्रवृत्तियां दूर हो जाती हैं. मां का स्मरण करने से एकाग्रता एवं स्थिरता आती है. साथ ही बुद्धि, विवेक व धैर्य में वृद्धि होती है. ऐसे में आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों के बारे में. 

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapna Niyam aur Tithiyan: बिना देरी के फौरन नोट कर लें नवरात्रि की प्रमुख तिथियां, साथ ही जानें घटस्थापना के नियम

मां ब्रह्मचारिणी के विभिन्न मंत्र (Maa Brahmacharini Ke Mantra)
- बीज मंत्र 
ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

- स्तुति मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। (1)
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु। 
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।(2)
ओम देवी ब्रह्मचारिण्ये नम:।
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।।(3)
शंकराप्रिया त्वहिं भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मरिणी प्रणमाम्यहम्।।(4)

- ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

- क्षमा प्रार्थना मंत्र
'आवाहनं न जानामि न जानामि वसर्जनं, पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरी'।

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2022 Akhand Jyot Mahatva, Niyam aur Mantra: अखंड ज्योत जलाते समय न करें इन नियमों की अनदेखी, दीपक के घी में छिपी है रोगों की रामबाण औषधि

मां ब्रह्मचारिणी का स्तोत्र पाठ (Maa Brahmacharini Stotra Path)
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति- मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

मां ब्रह्मचारिणी का कवच (Maa Brahmacharini Kavach) 
त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी।
अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥

पंचदशी कण्ठे पातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।

अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।