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Janmashtami 2022 Puja Vidhi: मथुरा- वृन्दावन समेत समस्त ब्रज धाम में इस दिन छाएगी कृष्ण जन्मोत्सव की छटा, साथ ही जानें संपूर्ण पूजा विधि

Janmashtami 2022 Puja Vidhi: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में कृष्ण जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है और लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है.

Updated on: 15 Aug 2022, 12:42 PM

नई दिल्ली :

Janmashtami 2022 Puja Vidhi: हिन्दू धर्म में भाद्रपद माह का अत्यंत महत्व है. भादों के महीने में छोटे मोटे व्रतों के अतिरिक्त दो बड़े त्यौहार भी मनाए जाते हैं. जहां अभी कुछ दिन पहले ही रक्षाबंधन का पर्व बीत चुका है वहीं अब जन्माष्टमी का हुरंगा समस्त ब्रह्मांड को भक्तिभाव में डुबोने के लिए तैयार है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में कृष्ण जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. उनका भव्य शृंगार किया जाता है, झूला झुलाया जाता है और उनकी प्रिय वस्तु माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. 

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जन्माष्टमी 2022 पूजा विधि (Janmashtami 2022 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
- घर के मंदिर में साफ- सफाई करें.
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
- सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें.
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष विधान है. 
- ऐसे में लड्डू गोपाल का सर्व प्रथम जलाभिषेक करें और गोपीचंदन से स्नान कराएं. 
- जलाभिषेक के बाद लड्डू गोपाल को नए वस्त्र यानी कि पोशाक पहनाएं.
- इसके पश्चात उनका शृंगार करें.   
- इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाकर जरूर झूला झुलाएं.
- अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं. 

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- लड्डू गोपाल को माखन सबसे अधिक प्रिय है इसलिए इस दिन गोपाला को मखान मिश्री जरूर खिलाएं. 
- लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें.
- इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था.
- रात्रि में शुभ मुहूर्त के तहत गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं.
- पुनः नई पोशाक धारण कराएं. 
- रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें.
- लड्डू गोपाल को मिश्री के साथ साथ मेवा का भोग भी लगाएं.
- लड्डू गोपाल की आरती करें.
- इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें.
- जितना हो सके उतना लड्डू गोपाल को लाड़ लड़ाएं. 

जन्माष्टमी 2022 मथुरा- वृन्दावन जन्मोत्सव तिथि (Janmashtami 2022 Mathura Vrindavan Janmotsav Tithi)
ब्रज धाम यानि कि मथुरा वृन्दावन में जन्माष्टमी उत्सव 19 को ही मनाया जाएगा. श्री कृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और बांके बिहारी मंदिर में 19 अगस्त जन्मोत्सव की निराली धूम देखने को मिलेगी.