logo-image

जैसलमेर में लहराया दुनिया का सबसे बड़ा खादी से बना तिरंगा

इस तरह से खादी से बने झंडे पहले जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में लगाए जा चुके हैं. इस बार आजादी के स्वर्णिम वर्ष को मनाते हुए इसे जैसलमेर में भी लगाने का आयोजन किया गया है.

Updated on: 16 Jan 2022, 11:12 AM

highlights

  • तिरंगा करीब 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा
  • इसका वजन करीब 1 हजार किलो बताया जा रहा
  • आजादी के अमृत महोत्सव पर शान का प्रतीक

जैसलमेर:

शनिवार को जैसलमेर के मिलिट्री स्टेशन में आयोजित एक कार्यक्रम में दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा लगाया गया. 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़े खादी से बने तिरंगे को बैटल एक्स डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह मान ने बटन दबाकर डिस्प्ले किया. इस दौरान सेना के कई अधिकारी, जैसलमेर वायुसेना स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन ए एस पन्नू, जैसलमेर के पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह व नाचना ठाकुर विक्रम सिंह मौजूद रहे. इस दौरान देशभक्ति के गीतों के साथ-साथ उत्साह व उल्लास ये झंडे के डिस्प्ले का कार्यक्रम आयोजित हुआ.
 
मिलिट्री स्टेशन में वॉर म्यूजियम के पास की पहाड़ी पर डिस्प्ले किए गए इस तिरंगे की छटा दूर कई किलोमीटर से ही नजर आ रही है. आसमान से इसको देखने पर ऐसा लग रहा है जैसे धरती ही तिरंगामय हो गई है. दरअसल खादी से बना ये तिरंगा दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है. ये तिरंगा करीब 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है और इसका वजन करीब 1 हजार किलो बताया जा रहा है. इस तरह से खादी से बने झंडे पहले जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में लगाए जा चुके हैं. इस बार आजादी के स्वर्णिम वर्ष को मनाते हुए इसे जैसलमेर में भी लगाने का आयोजन किया गया है.

ध्वज का निर्माण मेसर्स खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स द्वारा किया गया. यह भारतीय विरासत के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, क्योंकि झंडा सौ प्रतिशत खादी से बना है. भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है. स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है और कई किलोमीटर की दूरी से स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. यह तिरंगा देश के लोगों के गौरव और आकांक्षा को प्रदर्शित करता है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों को गौरव और राष्ट्रवाद की भावना के समर्थन में बुनना है.