logo-image

UGC का निर्देश, विश्वविद्यालय देश के विभाजन की त्रास्दी से लोगों को अवगत कराएं 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने इस संबंध में देशभर के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक संदेश जारी किया है. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कई आयोजन किए जाएंगे.

Updated on: 08 Aug 2022, 07:56 AM

highlights

  • 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा
  • विभाजन से प्रभावित लोगों की पीड़ा को दिखाने की कोशिश 
  • आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर विशेष आयोजन 

नई दिल्ली:

देश के विभाजन की यादें आज भी लोगों को झकझोर देती हैं. इस विभीषिका से युवाओं को अवगत कराने के लिए यूजीसी ने एक बड़ी पहल की है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने इस संबंध में देशभर के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक संदेश जारी किया है. एक पत्र के जरिए  विश्वविद्यालयों को निर्देश गया है कि लोगों को विभाजन की विभीषिका से अवगत कराया जाए. यूजीसी की इस पहल के बाद अब कई विश्वविद्यालयों के जरिए 14 अगस्त 1947 को हुई विभाजन की विभीषिका को याद किया जाएगा. यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विभिन्न आयोजन करने के लिए आधिकारिक पत्र जारी किया है.

यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार के अनुसार पीएम ने बीते साल 14 अगस्त को 1947 में विभाजन के दौरान लाखों भारतीयों को कष्टों और बलिदानों की देश को याद दिलाने के लिए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया. इसका उद्देश्य है कि हम सामाजिक विभाजन, असामंजस्य के जहर को दूर करें. इसके साथ एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की भावना को और मजबूत करें.

 ये भी पढ़ें:  UGC ने छात्रों को किया अलर्ट, महाराष्ट्र की इस यूनिवर्सिटी में न लें एडमिशन

यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने इस पत्र को जारी किया है. इस पत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को अपने भाषण में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद करने की घोषणा की थी. आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में जब देश को स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पूरे हो रहे हैं, पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर याद किया जा रहा है. विभाजन के पीड़ित लाखों की पीड़ा और दर्द को सामने लाने के लिए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का संकल्प लिया गया. 

यूजीसी के अनुसार, यह देश को बीती सदी में मानव आबादी के सबसे बड़े  विस्थापन की याद दिलाता है. इससे बड़े स्तर पर लोगों के जीवन की हानि हुई थी. विभाजन प्रभावित लोगों की पीड़ा को दिखाने के लिए भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा संयुक्त रूप से एक प्रदर्शनी हुई. यह प्रदर्शनी, अंग्रेजी और हिंदी वेबसाइट पर डिजिटल के रूप में उपलब्ध है.

यूजीसी का कहना है कि सभी विश्वविद्यालयों और उनके कॉलेजों से अनुरोध किया गया है कि प्रदर्शनी को 10 से 14 अगस्त,2022 के दौरान अहम स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए. इस तरह से लोग बड़ी संख्या में इसे देख सकेंगे. इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए, यह सुनिश्चित किया जाना होगा कि प्रदर्शनी को संयम और गंभीरता के साथ प्रदर्शित किया जाए.