NEP को अमल में लाने की रूपरेखा तैयार करेंगे केंद्रीय विश्वविद्यालय
सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 3 और 4 वर्षीय ग्रेजुएशन एवं एक और 2 वर्षीय पीजी पर इंप्लीमेंटेशन शुरू हो जाए और इसे आगे बढ़ाया जा सके.
highlights
- एनईपी 21वीं सदी के भारत की नींव रखेगा
- एनईपी से जुड़ी कई पहले हो चुकी हैं शुरू
नई दिल्ली:
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन की समीक्षा कर रहा है. शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि देश भर के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय इस अकादमिक वर्ष से ही चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी), क्षमता निर्माण, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट, वर्चुअल विश्वविद्यालयों और एनईपी के अन्य पहलुओं के कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार करें. देश के सभी विश्वविद्यालयों खास पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) का क्रियान्वयन शुरू किया जाए. शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कार्यान्वयन योजना बनाने को कहा है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि अब देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 3 और 4 वर्षीय ग्रेजुएशन एवं एक और 2 वर्षीय पीजी पर इंप्लीमेंटेशन शुरू हो जाए और इसे आगे बढ़ाया जा सके. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह कोर्स पिछली बार 2013 में लाए गए 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम से अलग है. इस बार कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने नियमित 3 वर्ष के ग्रेजुएश कार्यक्रम चलाने की मंजूरी होगी. साथ ही यह नई व्यवस्था भी लागू की जा सकती है. इसके साथ ही छात्रों के लिए मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का भी विकल्प मौजूद रहेगा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का कह चुके हैं कि इस बार नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 3 साल का डिग्री कोर्स, अल्टरनेटिव में 4 वर्षीय डिग्री कोर्स ऐसे ही पोस्ट ग्रेजुएशन में डिग्री कोर्स 2 साल और 1 साल है. शिक्षा मंत्रालय ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा कि वे अगले साल तक इन विषयों पर अपनी अपनी प्रक्रिया तय कर लें. शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसमें समय लगता है. विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से जुड़े लोग अपना अपना विचार रखेंगे. इसके आधार पर व्यवस्था को आगे ले जाना है.
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शिक्षा मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की है. शिक्षा मंत्री के मुताबिक एनईपी से जुड़ी कई पहल पहले ही शुरू की जा चुकी हैं, जिनमें और भी बहुत कुछ शामिल है. फास्ट-ट्रैकिंग कार्यान्वयन के लिए आगे की राह पर भी चर्चा की गई है. शिक्षा मंत्री के मुताबिक एनईपी 21वीं सदी के भारत की नींव रखेगा. शिक्षा मंत्री ने इस विषय पर नेशनल करिकुलम की संचालन समिति ने अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन से भी मुलाकात की है.
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