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Scholarship: केंद्र ने पहली से आठवीं के मदरसा छात्रों का वजीफा रोका

Scholarship for madarsa students: भारत सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के वजीफों को रोक दिया है. केंद्र सरकार के फैसले का असर मदरसों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों पर होगा. केंद्र सरकार ने ये फैसला उस आधार पर लिया है, जिसमें पहली से आठवीं कक्षा के सभी बच्चों को 'शिक्षा के अधिकार' के तहत...

Updated on: 28 Nov 2022, 12:54 PM

highlights

  • केंद्र सरकार ने बंद किया वजीफा
  • करीब 4 लाख बच्चों को पिछले साल मिला था वजीफा
  • यूपी में 8 हजार से ज्यादा मदरसे गैर मान्यताप्राप्त

नई दिल्ली:

Scholarship for madarsa students: भारत सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के वजीफों को रोक दिया है. केंद्र सरकार के फैसले का असर मदरसों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों पर होगा. केंद्र सरकार ने ये फैसला उस आधार पर लिया है, जिसमें पहली से आठवीं कक्षा के सभी बच्चों को 'शिक्षा के अधिकार' के तहत मुफ्त शिक्षा दी जाती है. किताबें फ्री रहती हैं. मिड-डे मील की व्यवस्था है. साथ ही अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाती हैं. ऐसे में अलग से छात्रवृत्ति यानि वजीफा देने का कोई तुक नहीं बनता. राज्य सरकारें ऐसा निर्णय पहले ही ले चुकी हैं.

अब तक इतना वजीफा मिलता था

केंद्र सरकार अब तक पहली से पांचवीं तक के छात्रों को एक हजार रुपये वजीफे के तौर पर देती थी. वहीं, छठीं से आठवीं तक के छात्रों को अलग-अलग विषयों के हिसाब से वजीफे की रकम दी जाती थी. चूंकि अन्य माध्यमों में पढ़ने वाले बच्चों को ऐसे वजीफे नहीं मिलते. ऐसे में अब केंद्र सरकार ने सभी को एक ही कैटेगिरी में ला दिया है. हालांकि 9वीं-10वीं के छात्र-छात्राओं को मिलने वाली वजीफे की रकम उनके खातों में आ जाएंगी.

यूपी में पिछले साल मिला था इतने बच्चों को वजीफा

आधिकारिकों आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कुल 16 हजार से ज्यादा मदरसे हैं. इसके अलावा 8 हजार से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी मिले हैं. हालांकि मान्यता प्राप्त मदरसों के करीब 4 लाख छात्रों को पिछले साल वजीफे मिले थे. इस बार ये संख्या काफी कम रह जाएगी. इस बीच, यूपी सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर कार्रवाई भी कर रही है.