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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नोएडा, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से नोएडा हाट, सेक्टर-33ए में 10 दिवसीय “यूपी ट्रेड शो–स्वदेशी मेला 2025” का भव्य शुभारंभ हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को साकार करने वाले इस मेले में प्रदेशभर से आए शिल्पियों, कारीगरों और लघु उद्यमियों ने अपने हस्तशिल्प, परिधान, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और जैविक उत्पादों की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित किया है।
इस मेले का एक विशेष आकर्षण बना है उत्तर प्रदेश आयुष विभाग का जानकारीपूर्ण एवं जन जागरूकता से भरपूर स्टॉल। विभाग ने यहां विभिन्न आयुष चिकित्सा पद्धतियों — आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लाभों को विस्तृत रूप से प्रदर्शित किया है। बड़े-बड़े बैनरों के माध्यम से बताया गया है कि कैसे ये पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां न केवल रोगों का उपचार करती हैं बल्कि शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रदान करती हैं।
स्टॉल पर लगे दूसरे पोस्टर में ‘मिलेट्स’ (मोटे अनाज) जैसे कोदो, बाजरा, रागी, ज्वार और कंगनी के लाभ बताए गए हैं। विभाग के अनुसार मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और हृदय रोगों से बचाव में अत्यंत लाभकारी हैं। यह जानकारी मेले में आए आगंतुकों को स्वास्थ्यप्रद खानपान के प्रति प्रेरित कर रही है।
आयुष विभाग द्वारा तीसरे स्टैंड पोस्टर में राष्ट्रीय आयुष मिशन की प्रमुख योजनाओं की भी जानकारी दी गई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष ग्राम की स्थापना, योग वेलनेस सेंटर, 50 शैय्या एकीकृत आयुष अस्पतालों की स्थापना, औषधीय पौधों के अनुसंधान कार्य, औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करना और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन जैसी अनेक योजनाएं शामिल हैं। स्टॉल पर तैनात चिकित्सक लोगों को मुफ्त परामर्श भी दे रहे हैं।
उनका कहना है कि नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में आयुष मंत्रालय के करीब 12 अस्पताल चल रहे हैं, जहां पर नागरिकों को पूरी तरह मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस मेले के माध्यम से विभाग का उद्देश्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारंपरिक उपचार पद्धतियों के प्रति भी जागरूक करना है। स्थानीय निवासियों ने मेले और विशेषकर आयुष स्टॉल की सराहना करते हुए कहा कि यदि ऐसी जानकारी नियमित रूप से जनता तक पहुंचे तो लोग दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय अपनी जीवनशैली में सुधार कर प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
--आईएएनएस
पीकेटी/एएस
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