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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग पेट की समस्याओं से परेशान हैं और सबसे आम दिक्कत है कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें मल त्याग ठीक से नहीं हो पाता, पेट भारी रहता है, गैस बनती है और दिनभर थकावट महसूस होती है। पहले ये समस्या बुजुर्गों तक सीमित थी, लेकिन अब छोटे बच्चों से लेकर युवा तक इससे जूझ रहे हैं। ऐसे में आयुष मंत्रालय अपने जीवन में योग को शामिल करने की सलाह देता है।
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग सिर्फ शरीर को लचीला और मजबूत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि ये हमारे पेट और पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। खासकर सुबह के समय खाली पेट अगर कुछ खास योगासन किए जाएं, तो धीरे-धीरे कब्ज की शिकायत खत्म होने लगती है।
पवनमुक्तासन: पवनमुक्तासन पेट से गैस बाहर निकालने में मदद करता है। इसे लेटकर किया जाता है और इसमें पैर को मोड़कर पेट से सटाना होता है, जिससे आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है और कब्ज से राहत मिलती है।
बालासन: बालासन में शरीर को झुकाकर बैठा जाता है और पेट की हल्की मसाज होती है। यह ना सिर्फ कब्ज दूर करता है, बल्कि दिमाग को भी शांत करता है।
पश्चिमोत्तानासन: पश्चिमोत्तानासन पेट, रीढ़ और कमर तीनों पर असर डालता है। इसमें आगे झुकने से पेट की अंदरूनी सफाई होती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन: सुप्त मत्स्येन्द्रासन आंतों को एक्टिव करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।
मार्जरासन: मार्जरासन में शरीर को आगे-पीछे झुकाने से पेट एक्टिव होता है और गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है।
मलासन: मलासन न केवल कब्ज के लिए फायदेमंद है, बल्कि शरीर को संतुलन भी देता है। इसमें बैठने से कोलन पर प्रभाव पड़ता है और मल त्याग में आसानी होती है।
--आईएएनएस
पीके/एएस
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