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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
बीजिंग, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। यूरोपीय आयोग ने हाल में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चीन पर लगाए गए खास व्यापार प्रतिबंध के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की घोषणा की।
यह खबर पिछले व्यापार विवादों की तरह शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय खबर नहीं बनी, लेकिन इस प्रक्रियात्मक निर्णय ने शांत झील में फेंके गए पत्थर की तरह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में सोचने पर मजबूर कर दिया। यह न सिर्फ दोनों बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच व्यापारिक विवाद का अंत है, बल्कि वैश्वीकरण के संदर्भ में बहुपक्षीय नियम, भू-राजनीतिक वास्तविकता और व्यावहारिक कूटनीति के बीच जटिल गतिशील संतुलन दिखाता है।
विश्लेषण के बाद पता चलता है कि यह निर्णय चीन-यूरोप संबंधों की जटिलता और परिपक्वता दर्शाता है। दुनिया में सबसे अहम द्विपक्षीय आर्थिक संबंध होने के नाते चीन और यूरोप के बीच गहरी निर्भरता के साथ अपरिहार्य प्रतिस्पर्धा और टकराव भी मौजूद है।
हाल के वर्षों में चीन से जुड़े यूरोपीय संघ के नीतिगत दस्तावेजों में अक्सर साझेदार, प्रतियोगी और प्रणालीगत प्रतिद्वंद्वी का जिक्र होता है। इस ढांचे में व्यापार विवाद का प्रबंधन मुकाबले के बजाय गतिशील संतुलन की तलाश में निरंतर अंशांकन प्रक्रिया की तरह बन गया है। मुकदमा वापस लेकर सलाह-मशविरा करने के यूरोपीय संघ के निर्णय से जाहिर है कि कुछ खास मुद्दों पर यूरोपीय संघ चीन को प्रणालीगत प्रतिद्वंद्वी के बजाय साझेदार और आर्थिक प्रतिस्पर्धी के रूप में देखता है।
वैश्विक शासन के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो इस निर्णय ने एक अहम सवाल खड़ा किया कि तेजी से बहुध्रुवीय और भू-राजनीतिक दुनिया में नियम पर आधारित बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था किस दिशा में जाएगी? जब बड़े देशों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा तीव्र हो रहा है, तो कानूनी साधन कभी-कभी और व्यापक राजनीतिक और आर्थिक विचार को रास्ता देगा। यूरोपीय संघ का निर्णय शायद वास्तविक राजनीति का एक और व्याख्या है।
ध्यानाकर्षक है कि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि डब्ल्यूटीओ के नियम बेकार हो गए हैं। इसके विपरीत डब्ल्यूटीओ के नियम फिर भी सभी देशों के उपायों की तर्कसंगतता का आकलन करने का बुनियादी मानक हैं और मझौले व लघु उद्यमों तथा विकासशील देशों के हितों की रक्षा की अहम बाधा हैं।
चीन और यूरोप के बीच व्यापार उथल-पुथल खत्म होगी, लेकिन इसके पीछे छोड़ी गई सोच विचार करने योग्य है। हमें किस तरह की व्यापारिक व्यवस्था की जरूरत है, जो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के साथ साथ विभिन्न विकास मॉडल को समायोजित कर सकती है? नियमों का पालन करते हुए असलियत के हिसाब से ढलने के लिए आवश्यक लचीलापन कैसे बनाए रखें? वैश्विक सहयोग और विश्वास को फिर से बनाने की लंबी राह पर बातचीत के जरिए विवाद का समाधान करने का हरेक प्रयास ज्यादा स्थिर भविष्य की ओर एक कदम बनेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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