चार्ली किर्क की हत्या ट्रंप के लिए क्यों है बड़ा नुकसान, कैसे राष्ट्रपति बनाने में निभाया था अहम रोल

अमेरिका के यूटा राज्य में10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक भयानक घटना का हर कोई गवाह बना. एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राइट-विंग विचारक और ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ के संस्थापक चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

अमेरिका के यूटा राज्य में10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक भयानक घटना का हर कोई गवाह बना. एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राइट-विंग विचारक और ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ के संस्थापक चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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Dheeraj Sharma
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अमेरिका के यूटा राज्य में10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक भयानक घटना का हर कोई गवाह बना. एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राइट-विंग विचारक और ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ के संस्थापक चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना उस समय हुई जब किर्क विश्वविद्यालय में आयोजित ‘प्रूव मी रॉन्ग’ डिबेट सेशन में छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे.  

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प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो एक सवाल के जवाब के ठीक बाद उनकी गर्दन में गोली लगी और वह मंच पर गिर पड़े. अफरा-तफरी मच गई. सुरक्षा बल मौके पर पहुंचा और किर्क को निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. आइए समझते हैं कि आखिर उनका जाना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए किस तरह नुकसादायक है. 

एक कंजर्वेटिव आइकन की कहानी

बता दें कि चार्ली किर्क महज 31 वर्ष के थे. अमेरिका में कंजर्वेटिव विचारधारा के प्रमुख चेहरे के तौर पर उन्हें देखा जाता था. उन्होंने महज 18 साल की उम्र में 2012 में ‘Turning Point USA’ की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी के युवाओं को राइट-विंग विचारधारा से जोड़ना था.  उनकी संस्था अमेरिका की सबसे बड़ी कंजर्वेटिव युवा आंदोलन बन चुकी है, जिसमें 2.5 लाख से ज्यादा छात्र सदस्य हैं. 

X पर उनके 53 लाख फॉलोअर्स थे

उनका रेडियो शो "The Charlie Kirk Show" हर महीने 5 लाख से ज्यादा लोगों की ओर से सुना जाता था. 

ट्रंप के करीबी और राजनीतिक रणनीतिकार

चार्ली किर्क, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों में शामिल थे. उन्होंने 2016 और 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में ‘Get-Out-The-Vote’ अभियान का नेतृत्व किया, जो निष्क्रिय कंजर्वेटिव वोटरों को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से चलाया गया था. माना जाता है कि चार्ली के इस अभियान ने ट्रंप को सत्ता में वापसी करने में काफी मदद की. कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि इस कैंपेन ने ही ट्रंप को दोबारा राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचाया. 

ट्रंप ने उनकी मृत्यु पर Truth Social पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें "America’s Youth का Hero" बताया. उन्होंने लिखा- “चार्ली किर्क महान थे। वह युवाओं की नब्ज को समझते थे। हम उन्हें कभी नहीं भूलेंगे.”

ट्रंप के लिए क्यों थे अहम

दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता वापसी में उनकी अहम भूमिका तो रही थी. बताया जाता है कि ट्रंप को सलाह देने में भी चार्ली का खासा योगदान था. चार्ली को कंजर्वेटिव विचारधारा को बढ़ावा देने काफी खास माना जाता था. चार्ली ने जॉर्जिया में एक रैली के दौरान ट्रंप और कमला हैरिस के बीच की लड़ाई को आध्यात्मिक जंग बताया था. सत्ता पर काबिज होने के बाद भी ट्रंप चार्ली की सोच और उसके विचारों के मुताबिक कदम उठाते थे. ट्रंप के कैंपेन पर अब तक चार्ली की छाप देखी जा सकती है. उनके जाने से ट्रंप के लिए न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि नीतिगत और राजनीति के तौर पर भी बड़ा नुकसान माना जा रहा है. 

ट्रंप को युवाओं के करीब और एक कट्टर विचारधार समर्थकों को करीब लाने में चार्ली ने बड़ा योगदान दिया था. उनके जाने से हो सकता है कि ट्रंप से उनकी समर्थक दूरी बना लें. 

इजरायल के समर्थन में मजबूत आवाज

किर्क अमेरिका में इजरायल समर्थक विचारों के भी मुखर प्रवक्ता थे. उनकी हत्या पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दुख जताते हुए कहा: "चार्ली किर्क सच्चाई और आज़ादी के लिए लड़ने वाला शेर-दिल योद्धा था." 

व्यक्तिगत जीवन

चार्ली किर्क की शादी पूर्व मिस एरिज़ोना यूएसए एरिका से हुई थी. उनके दो छोटे बच्चे भी हैं. एक सक्रिय सार्वजनिक जीवन के साथ-साथ वह एक पारिवारिक व्यक्ति भी थे, जिन्हें उनके करीबी बेहद संवेदनशील और समर्पित इंसान मानते थे. 

हत्या का रहस्य और सुरक्षा चूक

यूटा डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक सेफ्टी के अधिकारी ब्यू मेसन के मुताबिक, यह सुनियोजित हत्या थी और केवल एक गोली चलाई गई. घटना के बाद यूनिवर्सिटी को तुरंत खाली कराया गया और क्लासेस अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गईं.

हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स में एक संदिग्ध की हिरासत की बात कही गई थी, लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि हत्यारा अब भी फरार है। कुछ सूत्रों का दावा है कि गोली किसी इमारत की छत से स्नाइपर द्वारा चलाई गई थी, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है.

राजनीतिक हत्या या कट्टरपंथ का नतीजा?

यूटा के गवर्नर स्पेंसर कॉक्स ने इस घटना को राजनीतिक हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा:
“हमारे सार्वजनिक जीवन में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। अपराधियों को सजा जरूर मिलेगी।”

FBI और SWAT टीमें अब इस हत्या की जांच में जुटी हैं। सोशल मीडिया पर हत्या के पीछे राजनीतिक कारण, ट्रांसजेंडर विषयों पर किर्क की कट्टर टिप्पणियाँ, या गन कंट्रोल को लेकर उनका विरोध जैसी कई अटकलें लगाई जा रही हैं. 

अमेरिका में गन वॉयलेंस एक पुरानी लेकिन गंभीर समस्या

चार्ली किर्क की हत्या ने एक बार फिर अमेरिका में गन वॉयलेंस के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है. सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा की कमी, हथियारों की आसान उपलब्धता और राजनीतिक ध्रुवीकरण ने इस संकट को और गंभीर बना दिया है.

एक आवाज जो हमेशा गूंजेगी

चार्ली किर्क की मौत से अमेरिका के कंजर्वेटिव आंदोलन को बड़ा झटका लगा है. वह न केवल ट्रंप के राजनीतिक अभियान के एक रणनीतिकार थे, बल्कि युवाओं के बीच कंजर्वेटिव विचारधारा की एक मजबूत आवाज भी थे. उनकी हत्या ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए.

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