New Update
/newsnation/media/media_files/2025/02/26/FYxxOxIcH4kQxdUwlh3G.jpg)
कांगो में रहस्यमयी बीमारी का कहर Photograph: (Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
कांगो में रहस्यमयी बीमारी का कहर Photograph: (Social Media)
Congo Mysterious Disease: दुनिया के सबसे गरीब देशों शुमार कांगो में इनदिनों एक रहस्यमयी बीमारी की चपेट में है. इस बीमारी से अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है. हालात इतने खराब है कि इस बीमारी के लक्षण दिखने के बाद मरीज सिर्फ 48 घंटों के भीतर ही दम तोड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञा का करना है कि इस बीमारी का सबसे पहले उन तीन बच्चों में पता चला जिन्होंने चमगादड़ का सेवन किया था. इसके बाद इस रहस्यमयी बीमारी के मामले तेजी से बढ़ने लगे.
कांगो में फैली इस रहस्यमयी बीमारी को बेहद खतरनाक माना जा रहा है. क्योंकि, मरीज में इसके लक्षण दिखने के बाद 48 घंटे के अंदर ज्यादातर लोगों ने दम तोड़ दिया. इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में मरीज को बुखार, उल्टी और इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी है. ऐसे हालातों के चलते इस बीमारी को काफी चिंताजनक माना जा रहा है.
बता दें कि इंटरनल ब्लीडिंग यानी हैमोजिक फीवर वाले लक्षण इबोला, डेंगू, मारबर्ग और येलो फीवर जैसे जानलेवा और घातक वायरस से जुड़े हुए हैं. हालांकि, शोधकर्ताओं ने अब तक प्राप्त किए एक दर्जन से ज्यादा सैंपल के परीक्षणों से पता किया है कि इस बीमारी का इन वायरस से कोई कनेक्शन नहीं है.
बता दें कि कांगो इस बीमारी का पहला मामला 21 जनवरी को सामने आया था. उसके बाद से अब तक यहां 419 लोग इस बीमारी से पीड़ित मिले हैं. इनमें से 53 लोगों की मौत हो चुकी है.
कांगो में फैली इस रहस्यमयी बीमारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अफ्रीका कार्यालय ने कहा है कि बोलोको गांव में इस बीमारी का प्रकोप तब शुरू हुआ, जब तीन बच्चों ने चमगादड़ खा लिया. जिससे 48 घंटों के भीतर उनकी मौत हो गई. इससे पहले, कांगो के एक अन्य इलाके में भी एक रहस्यमयी बीमारी फैल गई थी.
जिससे दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि इस रहस्यमयी बीमारी को मलेरिया माना जा रहा था. इस बीमारी की चपेट में 400 से ज्यादा लोग आ गए थे. जिनमें से 79 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल थे. बता दें कि अफ्रीकी देशों में इस तरह की रहस्यमयी बीमारियां फैलना आम बात है.