बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना के 15 साल के शासन को समाप्त करने के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है. उन्होंने राजधानी ढाका में राष्ट्रपति भवन में राजनीतिक और नागरिक समाज के नेताओं, जनरलों और राजनयिकों के सामने "संविधान को बनाए रखने, समर्थन और रक्षा करने" की शपथ ली है. उनके मंत्रिमंडल के एक दर्जन से अधिक सदस्यों - जिन्हें मंत्री नहीं, बल्कि सलाहकारों की उपाधि दी गई - ने भी शपथ ली है.
बांग्लादेश अंतरिम सरकार के सदस्य
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में सलाहकारों की 16 सदस्यीय परिषद की घोषणा की गई, जो एक निश्चित अवधि के लिए संकटग्रस्त बांग्लादेश का नेतृत्व करेगी और निर्वाचित सरकार को सत्ता परिवर्तन के लिए चुनाव की निगरानी करेगी.
इनमें ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन, महिला अधिकार कार्यकर्ता फरीदा अख्तर, दक्षिणपंथी पार्टी हिफाजत-ए-इस्लाम के उप प्रमुख एएफएम खालिद हुसैन, ग्रामीण टेलीकॉम ट्रस्टी नूरजहां बेगम, स्वतंत्रता सेनानी शरमीन मुर्शिद, चटगांव हिल ट्रैक्ट्स डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष सुप्रदीप चकमा , प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन भी सलाहकार परिषद के सदस्यों में से हैं.
इसके अलावा मोहम्मद नजरूल इस्लाम, आदिलुर रहमान खान, एएफ हसन आरिफ, सैयदा रिजवाना हसन, सुप्रदीप चकमा और फारूक-ए-आजम के अलावा, समूह में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन समूह के दो शीर्ष नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल थे, जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.