डोनाल्ड ट्रंप को नोबल नहीं मिलने पर सामने आया व्हाइट हाउस का रिएक्शन, फैसले को राजनीतिक से प्रेरित बताया

नोबल पुरस्कारों को लेकर हर दिन घोषणा की जा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को शांति के लिए भी नोबल प्राइज अनाउंस हुआ. इस प्राइज को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को काफी उम्मीदें थीं.

नोबल पुरस्कारों को लेकर हर दिन घोषणा की जा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को शांति के लिए भी नोबल प्राइज अनाउंस हुआ. इस प्राइज को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को काफी उम्मीदें थीं.

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Dheeraj Sharma
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प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (ANI)

नोबल पुरस्कारों को लेकर हर दिन घोषणा की जा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को शांति के लिए भी नोबल प्राइज अनाउंस हुआ. इस प्राइज को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को काफी उम्मीदें थीं. उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें दुनिया में हो रहे युद्धों को रोकने के लिए यानी शांति लाने के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाएगा. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और ये पुरस्कार वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया. 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के बाद यह फैसला वैश्विक चर्चा में आ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति को ये पुरस्कार नहीं मिलने के बाद व्हाइटहाउस की ओर से भी रिएक्शन सामने आया है. 

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क्यों मिला मारिया को नोबल 

नोबेल कमिटी ने यह पुरस्कार मचाडो को वेनेजुएला में लोकतंत्र को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण संघर्ष के ज़रिए सत्ता के केंद्रीकरण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दिया.  उन्हें 1.2 मिलियन डॉलर की पुरस्कार राशि भी दी जाएगी. लेकिन यह फैसला अमेरिका में एक सियासी विवाद का कारण बन गया है, खासकर डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों के बीच. 

व्हाइट हाउस की नाराज़गी और ट्रंप की प्रशंसा

व्हाइट हाउस की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें कहा गया कि नोबेल कमिटी ने एक बार फिर शांति की जगह राजनीति को प्राथमिकता दी है. व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा- "राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते कराना जारी रखेंगे. उनके पास एक मानवतावादी दिल है। वह इच्छाशक्ति से पहाड़ों को हिला सकते हैं। उनके जैसा कोई नहीं."

यह बयान स्पष्ट रूप से इस बात की ओर इशारा करता है कि ट्रंप खेमे को लगता है कि नोबेल पुरस्कार के असली हकदार ट्रंप थे, न कि मचाडो. 

ट्रंप की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की ओर इशारा

ट्रंप समर्थकों का तर्क है कि पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई शांति समझौते कराए- जैसे इज़राइल और अरब देशों के बीच अब्राहम समझौता. ट्रंप समर्थकों का मानना है कि उनके इन प्रयासों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए था. व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया इसी नाराजगी का प्रतिबिंब है.

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