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पुरानी कहावत है 'दुश्मन हजार मिल जाएं, पर दोस्त कंगाल न मिले.' यह पंक्ति श्रीलंका के बाढ़ पीड़ितों और वहां की सरकार के मन में पाकिस्तान के लिए गूंज रही होगी. चक्रवाती तूफान दित्वा ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है. ऐसे मुश्किल वक्त में विश्व के कई देश श्रीलंका के लिए अपनी मदद का हात बढ़ा रहे हैं. इन देशों में भारत सबसे सक्रिय रहा. लेकिन अपनी आदतों और हरकतों से सुर्खियां बंटरोने वाला पाकिस्तान एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है. पाकिस्तान ने जिस तरह 'मदद' के नाम लेकर फर्जीवाड़ा किया, उसने सबको हैरान कर दिया.
दिखावे में पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत
मदद का दिखावा करने के चक्कर में पाकिस्तान ने शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया है. दरअसल श्रीलंका में भारत का राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है. भारतीय जहाज़ों और विमानों के माध्यम से लगातार भोजन, दवाइयां और अत्यावश्यक सामग्री भेजी जा रही है. इसी बीच पाकिस्तान भी सुर्खियां बटोरने के लिए अचानक सक्रिय हुआ और कुछ खाद्य सामग्री श्रीलंका भेजकर उसका प्रचार शुरू कर दिया.
पाकिस्तानी दूतावास के एक्स हैंडल पर तस्वीरें डालकर यह दिखाया गया कि उन्होंने 'तुरंत और महत्वपूर्ण मदद' पहुंचाई है. मगर उनकी यह चाल ज़्यादा देर नहीं चली. सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने खाद्य पैकेट्स की तस्वीरों को ज़ूम करके देखा तो उनके होश उड़ गए. जी हां सामग्री की एक्सपायरी डेट 2024 की थी, यानी कई महीनों से समाप्त हो चुके खाद्य पदार्थ भेजे गए थे। यह बात सामने आते ही पाकिस्तान की किरकिरी होना तय था.
Hi @PakinSriLanka, Just noticed you’re sending EXPIRED relief materials to Sri Lanka. https://t.co/xEVfHSoLrapic.twitter.com/o7KOx93Nsi
— Shiv Aroor (@ShivAroor) December 2, 2025
एक्सपायरी सामान भेजकर नई मुसीबत
राहत कार्य का उद्देश्य संकट में फंसे लोगों की मदद करना है, लेकिन पाकिस्तान के इस कदम ने उल्टा स्थिति और गंभीर कर दी. एक्सपायरी फूड आइट्म न सिर्फ़ अनुपयोगी होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं. इससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तान का उद्देश्य मानवीय सहायता नहीं, बल्कि केवल प्रचार और दिखावा था. सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तान को जमकर ट्रोल करने लगे और कई उपयोगकर्ताओं ने इसे 'मानवीयता के नाम पर धोखा' बताया.
पहले भी ऐसा कर चुका है पाकिस्तान
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने राहत सामग्री को लेकर ऐसी हरकत की हो. 2023 में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सहित दुनिया के कई देशों ने सहायता भेजी थी. उस समय पाकिस्तान भी मदद के नाम पर सामने आया. लेकिन जब तुर्की में भेजे गए पैकेट्स पर ध्यान दिया गया तो पता चला कि यह वही सामान था जो तुर्की ने पहले पाकिस्तान को उसकी बाढ़ में मदद के लिए भेजा था. यानी पाकिस्तान ने तुर्की की ही सहायता उसे वापस भेज दी वह भी बिना किसी शर्म के.
बता दें कि मानवीय संकट के समय असली पहचान वही होती है जो दिल से मदद करे, न कि दिखावे के लिए. भारत ने काम न सिर्फ कोविड जैसी महामारी में कर के दिखाया बल्कि श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वा के कहर के बाद देखने को मिला है. भारत ने निस्वार्थ सहायता की है. लेकिन पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश राहत के नाम पर फर्जीवाड़ा करके अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को और खराब कर लेते हैं. श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ने एक बार फिर यह दिखाया है कि नेकनीयती और जिम्मेदारी सिर्फ़ शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से साबित होती है.
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