Syria: सीरिया में पूर्व राष्ट्रपति असद के समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर किया हमला, 40 से ज्यादा लोगों की मौत

सीरिया में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के लड़ाकों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया. हमले में 44 लोगों की मौत हो गई. इसमें दोनों पक्षों के लोग शामिल हैं.

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Jalaj Kumar Mishra
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Violence Erupts in syria clash between Asad supporters and security force

Violence Erupts in Syria

सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के वफादार लड़ाकों ने गुरुवार को सरकारी बलों पर हमला कर दिया. विद्रोही गुटों की ओर से सत्ता हथियाने के बाद सरकारी बलों के खिलाफ ये सबसे घातक हमला है. जाबलेह में हुई झड़प में सुरक्षाबलों के करीब 16 लोग मारे गए. हालांकि, सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की. जवाबी कार्रवाई में असद समर्थक 28 लोग मारे गए. जाबलेह के सुरक्षा प्रमुख ने बताया कि असद समर्थकों के हमलों में सुरक्षाबल के कई लोग मारे गए हैं. इस वजह से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. 

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नई सरकार को चुनौती दे रहा कोस्टल शील्ड रेजिमेंट

असद सरकार में कमांडर रहे शख्स की एक वीडियो सामने आई है. वीडियो में वह कह रहा है कि नई सरकार के खिलाफ कोस्टल शील्ड रेजीमेंट नाम के एक प्रतिरोधक संगठन का गठन किया गया है. बता दें, सीरिया पर राष्ट्रपति बशर-अल- असद का शासन था, जिसे मोहम्मद अल-शरा के संगठन एचटीएस ने हटा दिया और अपना शासन स्थापित कर लिया. हालांकि, कुछ इलाकों में बशर की सेना छोटे-छोटे विद्रोहियों से लड़ रही है. 

बशर अल-असद ने ली रूस में शरण

बता दें, विद्रोहियों के कब्जे के कारण असद को परिवार सहित रूस भागना पड़ गया. 50 साल तक असद के परिवार ने सीरिया पर शासन किया. असद शिया समुदाय के नेता हैं और सीरिया सुन्नी बहुल्य देश है. बशर के शासन में सीरिया के सुन्नी मुस्लिमों को लग रहा था कि उन्हें उनकी आबादी के अनुसार, सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिल रही है. इसके अलावा, असद सरकार के दौरान, सीरिया के रिश्ते मध्यपूर्व की सुन्नी ताकतों (सऊदी अरब, तुर्किये और कतर) के साथ भी अच्छे नहीं है. 

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लताकिया शहर में असद का जबरदस्त समर्थन

बता दें, लताकिया में अलावी अल्पसंख्यक बड़ी मात्रा में रहते हैं. उन्होंने बशर अल असद और असद सरकार का जबरदस्त समर्थन किया है. हयात तहरीर अल 8 दिसंबर की शाम को स्थापित हो गई थी. विद्रोहियों के शासन में आने के बाद सीरिया के सुरक्षा बलों ने पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के वफादार लड़ाकों को उनके गढ़ों से निकालने के लिए काम कर रही है. 

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