कतर की सुरक्षा की गारंटी देगा अमेरिका, हमला करने पर US तुरंत देगा जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर कतर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है, जिसमें जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई की संभावना भी शामिल है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर कतर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है, जिसमें जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई की संभावना भी शामिल है.

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Ravi Prashant
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प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप Photograph: (X)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक अहम कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका ने कतर की सुरक्षा की गारंटी देने का वादा किया है. आदेश में साफ कहा गया है कि अगर कतर पर दोबारा हमला हुआ तो अमेरिका सैन्य जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.

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इजराइल ने किया था हमला

यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब पिछले महीने इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा पर एक अभूतपूर्व हमला किया था. इजराइल का दावा था कि हमला हमास नेताओं पर किया गया, जो अमेरिका समर्थित गाजा संघर्षविराम प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए दोहा में इकट्ठा हुए थे. हमले में हमास की वार्ता टीम के कुछ सदस्य मारे गए, जबकि शीर्ष नेतृत्व बच निकला. इस दौरान एक कतर सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हुई थी.

पीएम नेतन्याहू ने मांगी थी माफी

हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर से माफी मांगी. यह माफी कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी को व्हाइट हाउस में ट्रंप की मौजूदगी में फोन पर दी गई. 

अमेरिका–कतर रिश्ते और मजबूत

ट्रंप ने आदेश में कतर को शांति, स्थिरता और समृद्धि का दृढ़ सहयोगी बताया और दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य रिश्तों पर जोर दिया. उन्होंने कहा,“संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर लंबे समय से आपसी सहयोग और साझा हितों से बंधे हैं.” “इस ऐतिहासिक संबंध और कतर पर जारी विदेशी खतरों को देखते हुए अमेरिका कतर की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी देता है.”

कतर में अल उदैद एयर बेस मौजूद है, जो मध्य पूर्व में अमेरिका की सबसे बड़ी सैन्य स्थापना है और लंबे समय से वॉशिंगटन की क्षेत्रीय रणनीति का केंद्र रहा है.

अब अमेरिका की छतरी के नीचे कतर

इस आदेश के साथ कतर अब व्यावहारिक रूप से अमेरिकी सुरक्षा छतरी के तहत आ गया है, जो पारंपरिक रक्षा समझौतों जैसी स्थिति को दर्शाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न सिर्फ कतर की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि वॉशिंगटन का मकसद है कि दोहा को क्षेत्रीय संघर्षों में अहम मध्यस्थ के रूप में और सशक्त किया जाए.

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