अमेरिका के सैकड़ों इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को विदेश विभाग से एक ईमेल मिला है. इस वजह से वे परेशान हैं. इमेल में स्टूडेंट्स से कहा गया है कि एफ-1 स्टूडेंट वीजा के निरस्तीकरण के बाद वे खुद से देश छोड़ दें.
ये ईमेल उन लोगों के पास आया है, जो विश्वविद्यालय कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. खास बात है कि मेल उन छात्रों को भी भेजा गया है, जिन्होंने राष्ट्र विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर, लाइक या कमेंट किया है. मेल प्राप्त करने वाले छात्रों में कुछ भारतीय भी शामिल हैं. इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि राजनीतिक पोस्ट को शेयर करने पर भी वीजा निरस्त किया जा सकता है.
F-1 वीजा क्या है?
एफ-1 वीजा एक गैर आप्रवासी वीजा है. ये मान्यता प्राप्त संस्थानों में अकादमिक अध्ययन करने के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दिया जाता है, जिससे वे अमेरिका में रहकर अपनी पढ़ाई कर सकें. पात्र संस्थानों का मतलब होता है- विश्वविद्यालय, कॉलेज, हाईस्कूल सहित अन्य शैक्षणिक संस्थान.
कार्रवाई के बारे में क्या है विदेश सचिव की राय
एफ-1 वीजा धारकों पर अमेरिका ने ये कार्रवाई विदेश सचिव मार्को रुबियो के बयान के बाद की. हाल में रुबियो ने कहा था कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल कई इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. उन्होंने साफ किया कि अमेरिका को पूरा अधिकार है कि वह खुद तय कर सके कि किसे अमेरिका में रहने का अधिकार है और किसे नहीं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को ही नहीं बल्कि हर एक देश के पास ये अधिकार है कि वे तय कर सकें कि कौन उनके देश में अतिथि के रूप में आ सकता है और कौन नहीं.
नए आवेदनों की समीक्षा करेगा अमेरिका
विदेश सचिव मार्को रुबियो ने हाल में एक एआई बेस्ड ऐप भी लॉन्च किया है, जो हमास जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले छात्रों का पता लगाएगा. खास बात है कि अब अमेरिका का विदेश विभाग नए छात्र वीजा के आवेदनों की भी समीक्षा कर रहा है. विदेश विभाग आवेदकों की सोशल मीडिया पोस्ट पर बारीकी से नजर रख रहा है. अगर विभाग को कोई भी आवेदक दोषी मिलता है तो उसे वीजा से वंचित किया जाएगा.