US Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत समेत कई देशों को झटका देते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ का एलान किया है. ट्रंप ने अलग-अलग देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की अलग-अलग दरों की घोषणा की है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे अमेरिका की आजादी बताया है.
बुधवार को रेसिप्रोकल टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बार फिर से तारीफ की और उन्हें अच्छा दोस्त बताया. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारत उनके साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है. बता दें कि ट्रंप अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहते हैं, जिसके चलते वह लगातार दूसरे देशों पर नए-एन टैरिफ का एलान कर रहे हैं.
किस देश पर कितना लगाया टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप के इस पारस्परिक टैरिफ के एलान के चलते कई चीजों के दामों में बढ़ोतरी होने और दुनियाभर में ट्रेड वार का खतरा भी बढ़ गया है. ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया है. जबकि चीन पर 34 फीसदी और यूरोपीय संघ पर टैरिफ की ये दर 20 प्रतिशत रखी है. जबकि ट्रंप ने जापान पर 24 फीसदी टैरिफ की घोषणा की है. राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को 'मेक अमेरिका वेल्थी अगेन' इवेंट के दौरान दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का एलान किया.
पीएम मोदी को लेकर क्या बोले राष्ट्रपति ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को महान मित्र बताते हुए कहा कि, 'भारत अमेरिका से 52 फीसदी शुल्क वसूलता है, लेकिन हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते हैं.' ट्रंप ने इवेंट को संबोधित करते हुए कहा कि, 'भारत बहुत सख्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी-अभी गए हैं और मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं.' ट्रंप ने कहा कि, 'वे हमसे 52 फीसदी शुल्क लेते हैं और हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते.'
ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया खतरा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, 'संयुक्त राज्य अमेरिका अन्य देशों से बाइक्स पर केवल 2.4 फीसदी शुल्क लेता है.' ट्रंप ने कहा कि थाईलैंड और अन्य देश बहुत अधिक कीमत वसूलते हैं. उन्होंने कहा कि, थाईलैंड 60 फीसदी, भारत 70 प्रतिशत, वियतनाम 75 फीसदी और अन्य देश उससे भी अधिक शुल्क लेते हैं. ट्रंप ने कहा कि सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, टइस तरह के भयावह असंतुलन ने हमारे औद्योगिक आधार को तबाह कर दिया है और इसने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. मैं इस आपदा के लिए अन्य देशों को बिल्कुल भी दोषी नहीं मानता.'