दुनिया में इस वक्त कई युद्ध हो रहे हैं. कुछ देश हथियारों के साथ मैदान में एक-दूसरे का लहू बहा रहे हैं तो कोई व्यापारिक युद्ध लड़ रहा है. हालांकि, कई सारे देश अब युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. इन्हीं में से एक है- ईरान और अमेरिका. दरअसल, ईरान और इस्राइल के बीच मीडिल ईस्ट में टकराव है. ईरान अब परमाणु कार्यक्रम शुरू करने की प्लानिंग कर रहा है. इस वजह से अब अमेरिका वर्सेज ईरान हो गया है. अमेरिका ने तो साफ कह दिया है कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की इजाजत नहीं दे सकता है. ऐसा होगा तो ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
ईरान ने अभी चीन के साथ मिसाइल ईंधन को लेकर करार किया है. अगर इन्हें देखा जाए तो ईरान भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहा है. ईरान बड़े सैन्य एक्शन की तैयारी कर रहा है. लोगों के मन में ऐसे में सवाल आता है कि ईरान और अमेरिका के बीच अगर सैन्य टकराव होता है तो कौन किस पर कितना भारी पड़ेगा. अमेरिका और ईरान कौन जाता ताकतवर है. आइये जानते हैं.
जानिए कितनी है अमेरिका की ताकत
दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियों में शामिल अमेरिका सबसे शीर्ष पर है. अमेरिका के पास आधुनिक हथियार हैं. इसके अलावा, अमेरिका के पास दुनिया की सबसे मजबूत और घातक इंटेलिजेंस सिस्टम भी है. ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रैंकिंग में अमेरिका पहले नंबर के साथ दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. अमेरिका आर्मी, नेवी और एयफोर्स बहुत ताकतवर है. इंडिया परमाणु संपन्न देश है. दुनिया के कुछ ही देश ऐसे हैं, जिनके पास अमेरिका की सैन्य शक्तियों का सामना करने की ताकत है. हालांकि, अमेरिका उनपर भी भारी पड़ेगा.
अब जानिए कितनी है ईरान की ताकत
ईरान ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रैंकिंग में 16वें नंबर पर है. इसका मतलब ये है कि ईरान, अमेरिका के सामने कहीं नहीं टिक सकता है. अमेरिका के सामने ईरानी नेवी और एयरफोर्स काफी कमजोर हैं. ईरान की नेवी में सिर्फ 18,500 सैनिक हैं. वहीं एयरफोर्स में 42 हजार सैनिक हैं. ईरान के पास सिर्फ 188 फाइटर जेट, 6 टैंकर फ्लीट और 13 अटैक हेलिकॉप्टर हैं.