US News: अमेरिका को दोबारा महान बनाने का वादा कर देश की सत्ता में लौटे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार नई-नई घोषणा कर रहे हैं. मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने निवेशकों के लिए 35 साल पुराने EB-5 वीजा की जगह 5 मिलियन डॉलर में नागरिकता देने वाले 'गोल्ड कार्ड' वीजा का एलान किया. ट्रंप के इस कदम से अमेरिकी ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हजारों भारतीय नागरिकों का सपना सच होता नहीं दिख रहा है जिसने उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं.
जानें क्या है ट्रंप का 'गोल्ड कार्ड' वीजा?
अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि ट्रंप का 'गोल्ड कार्ड' अगले दो सप्ताह में ईबी-5 वीजा की जगह ले लेगा. बता दें कि EB-5s वीजा अमेरिकी कांग्रेस (संसद) द्वारा 1990 में विदेशी निवेश उत्पन्न करने के लिए बनाए गए थे. ये वीजा उन लोगों के लिए उपलब्ध हैं जो कम से कम 10 लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी पर लगभग 1 मिलियन डॉलर खर्च करते हैं.
एक करोड़ लोगों को गोल्ड कार्ड वीजा देंगे ट्रंप
उन्होंने कहा कि गोल्ड कार्ड- वास्तव में एक ग्रीन कार्ड, या स्थायी कानूनी निवास- निवेशकों के लिए प्रवेश की कीमत बढ़ा देगा, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं को रोक देगा. जिससे अन्य ग्रीन कार्डों की तरह ही नागरिकता मिलना भी शामिल है. गोल्ड कार्ड वीजा का एलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने रोजगार और नौकरी देने के बारे में कोई एलान नहीं किया.
बता दें कि अमेरिका में EB-5 वीज़ा की संख्या सीमित है, जबकि डोनाल्ड ट्रम्प 10 मिलियन यानी एक करोड़ लोगों को गोल्ड कार्ड वीजा देने का प्लान बना रही है. वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि ट्रंप की इस योजना से वह संघीय सरकार के घाटे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीयों को झटका
ट्रंप का ये गोल्ड कार्ड वीजा उन भारतीयों के लिए गेम चेंजर साबिह होगा, जिनके पास बेशुमार दौलत है. क्योंकि ऐसे भारतीय ट्रंप के गोल्ड कार्ड वीजा का 50 लाख डॉलर यानी करीब 43 करोड़ रुपये शुल्क चुका कर अमेरिका की नागरिकता दे सकते हैं.
इस वीजा से EB-5 निवेशक वीजा या H-1B से ग्रीन कार्ड प्रक्रिया की तुलना में तेजी आएगी, जो आसानी से मिल भी जाएगा. कुल मिलाकर इस वीजा का लाभ उन्हीं चंद दौलतमंद लोगों को मिलेगा. जिनके पास अपास संपत्ति है. जबकि अमेरिका में नौकरी कर रहे या नौकरी का सपना देख रहे लोगों के सपनों को झटका लगेगा.