सऊदी अरब की बमबारी के बाद UAE ने यमन से सेना वापस बुलाने का किया ऐलान, मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा

सऊदी अरब की बमबारी के बाद यूएई ने लिया फैसला, विदेश मंत्रालय ने यमन में हथियार भेजने के सभी आरोपों को खारिज किया है. मंत्रालय की ओर से स्पष्ट कहा गया कि यूएई को यमन की संप्रभुता का पूरा ध्यान है

सऊदी अरब की बमबारी के बाद यूएई ने लिया फैसला, विदेश मंत्रालय ने यमन में हथियार भेजने के सभी आरोपों को खारिज किया है. मंत्रालय की ओर से स्पष्ट कहा गया कि यूएई को यमन की संप्रभुता का पूरा ध्यान है

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Mohit Saxena
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यूएई और सऊदी अरब के बीच तनाव गहरा गया है. सोमवार को यमन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब की बमबारी से मामला बिगड़ गया है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मंगलवार को ऐलान किया है कि वह सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुलाएगा. सऊदी अरब का आरोप है कि यमन पहुंचे एक जहाज के माध्यम यूएई से हथियार भेजे गए थे. इसे निशाना बनाकर हमला किया गया है.  

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सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों का हवाला

अब यूएई के रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान सामने आया है कि वह सुरक्षा कारणों और आतंकवाद-रोधी अभियानों की प्रभावशीलता को ध्यान में रखते हुए बचे हुए सैन्य कर्मियों को वापस बुलाएगा. यूएई के विदेश मंत्रालय ने यमन में हथियार भेजने के सभी आरोपों को खारिज किया है. मंत्रालय की ओर से स्पष्ट कहा गया कि यूएई यमन की संप्रभुता का पूरा ध्यान है. वैध सरकार की बहाली के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन कर रहा है. यूएई का कहना है कि मुकल्ला पहुंचे जहाज में हथियार नहीं थे. यहां पर तैनात यूएई सैनिकों के लिए उपयोग में होने वाले वाहन थे. 

यमन के भविष्य पर यमनी पक्षों का अधिकार: यूएई

यूएई इससे पहले यह कह चुका है कि यमन शासन व्यवस्था और क्षेत्रीय अखंडता का निर्णय यमनी पक्षों को अपने हिसाब से करना चाहिए न कि बाहरी ताकतों के भरोसे रहना चाहिए. आपको बता दें कि यूएई के फुजैरा से एक जहाज यमन के मुकल्ला बंदरगाह पर मंगलवार को पहुंचा. इसके कुछ समय बाद ही सऊदी अरब ने मुकल्ला पर अटैक कर दिया. सऊदी अरब का आरोप है कि यह खेप अबू धाबी समर्थित सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC)  को हथियार देने को लेकर भेजी गई, जिसको बर्बाद कर दिया गया. 

दो गुटों में टकराव के कारण बढ़ा तनाव 

STC अप्रैल 2017 से दक्षिणी यमन में संप्रभुता की मांग पर अड़ी है. वहीं यमनी सेना हद्रामौत ट्राइबल एलायंस के पक्ष में है. इसे सऊदी अरब का समर्थन मिला हुआ है. दोनों गुटों के बीच बीते कई सालों से टकराव के हालात बने हुए हैं. इस माह की शुरुआत में STC ने यमन के हद्रामौत और महरा प्रांतों पर कब्जा ​जमा लिया है. इनमें कई तेल प्रतिष्ठान भी हैं. इसके बाद से क्षेत्र में तनाव के हालात बने हुए हैं. 

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