/newsnation/media/media_files/2025/06/07/WaHpN6r6IRo2Pu7h9RpE.png)
Turkiye Prez Erdogan
तुर्किये एक नए संकट से जूझ रहा है. ये कोई आर्थिक या फिर राजनीतिक संकट नहीं है बल्कि ये संकट जनसंख्या से जुड़ा हुआ है. तुर्किए की जनसंख्या लगातार घट रही है. तुर्किए की महिलाएं कम बच्चे पैदा कर रही हैं, जिस वजह से राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन के लिए चिंता बढ़ गई है. गिरती जन्म दर को तुर्किए ने युद्ध से भी बड़ा खतरा माना है. इस समस्या से निजात पाने के लिए तुर्किए की सरकार ने नया फैसला किया है. बच्चों को जन्म देने के लिए नीतियां बनाई गईं हैं. राष्ट्रपति ने 2025 को तुर्किए का परिवार वर्ष घोषित किया है.
राष्ट्रपति ने वित्तीय सहायता की पेशकर की
एर्दोगन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 2026 परिवार के दशक की शुरुआत होगी. हालांकि, महिलाओं को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की राष्ट्रपति की अपील, नविवाहितों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश शायद पर्याप्त न हो. क्योंकि तुर्किए में आर्थिक संकट गहरा रहा है. बता दें, राष्ट्रपति एर्दोगन के पांच बच्चे हैं.
फ्रांस, अमेरिका और इंग्लैंड से भी कम है प्रजनन दर
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि तुर्किए की जन्म दर 2001 में प्रति महिला 2.38 बच्चों से गिरकर 2025 में 1.48 हो गई. ये फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका से भी कम है. इस वजह से एर्दोगन ने इसे आपदा माना है. उन्होंने अपने 22 साल के कार्यकाल में पहले प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति जैसी अहम जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रजनन दर में तेजी से हुई गिरावट को देखा है. एर्दोगन ने इसके लिए महिलाओं और LGBTQ समुदाय के लोगों को जिम्मेदार माना है.
सरकार अपनी गलतियों को नहीं देखती
सामाजिक कार्यकर्ता बेरिन सोनमेज ने कहा कि महिलाओं और LGBTQ+ समुदाय के लोगों को ही जनसंख्या में गिरावट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. लेकिन राजनीतिक गलतियों को स्वीकार नहीं किया जाता. अराजक और अनिश्चित माहौल में लोग बच्चा पैदा करने में हिचकिचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सहायता न के बराबर ही है. यहां शिक्षा सबसे महंगा है.