भारत, चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्ष जब से चीन में एक साथ आए, इसे लेकर अमेरिका घबराया हुआ है. इसने कड़ा संदेश अमेरिका को दिया है. चीन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई. इस मुलाकात ने अमेरिका की चिंता को बढ़ा दिया है.
इस बैठक के बाद डोनाल्ड ट्रंप और सलाहाकरों का लहजा एकदम बदल गया. 50 फीसदी के टैरिफ लगाए जाने के बाद से अमेरिका कई बार अपने तेवर दिखा चुका था. इस बीच अमेरिकी दूतावास ने तुरंत सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें भारत के साथ अपनी दोस्ती और साझेदारी की तारीफ की.
भारत, चीन और रूस के बीच बढ़ती नजदीकी से अमेरिका पर दबाव बढ़ा है. SCO सम्मेलन में मोदी, जिनपिंग और पुतिन का साथ आना और प्रधानमंत्री मोदी का रूसी राष्ट्रपति पुतिन के संग एक ही कार में बैठकर मीटिंग स्थल पर पहुंचे. अमेरिका के लिए बड़ा संकेत है. अब अमेरिका को यह एहसास है कि अगर उसे एशिया में अ पने हितों की रक्षा करनी है तो भारत के साथ रिश्ते मजबूत होंगे.