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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप Photograph: (social media)
गाजा में इजरायल और हमास के बीच शांति समझौते को लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइली संसद को संबोधित किया. इस दौरान यहां पर मौजूद दो सांसदों एमान आदेह और ओफर कासिफ ने हंगामा शुरू कर दिया. सांसदों ने ट्रंप को नरसंहार का साइन दिखाया. वे उनकी ओर बढ़ने लगे.
इन सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इस पर ट्रंप ने कहा कि ये कारगर तरीका है. उन्होंने अपना भाषण जारी रखा. संसद में हदश-ताअल पार्टी के अध्यक्ष एमान ओदेह ने ट्रंप के भाषण के दौरान एक तख्ती दिखाई. इसमें यह लिखा था कि फिलीस्तीन को मान्यता दो. इस पार्टी के सांसद ओफर कासिफ ने सख्ती दिखाने की कोशिश की. दोनों सांसदों को सुरक्षाबलों ने जबरन संसद से बाहर कर दिया.
ट्रंप ने नेतन्याहू को सराहा
ट्रंप ने इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की बहादुरी और देशभक्ति को सराहा. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू की सहायता से ये दिन संभव हो सका है. ट्रंप ने नेतन्याहू से खड़े होने कहा और कहा, ‘ यह आदमी आसान नहीं है, लेकिन यही उसे बड़ा बनाता है.’
ट्रंप ने उन अरब और मुस्लिम देशों का भी आभार किया. उन्होंने बंधकों को छोड़ने के लिए हमास पर दबाव डाला. उन्होंने कहा कि यह इजराइल के लिए बहुत बड़ी जीत है. कई देशों ने मिलकर शांति के लिए काम किया. ट्रंप ने कहा कि यह वक्त रखा जाएगा. जब कुछ बदलना शुरू हुआ. यह इजराइल और मिडिल के लिए सुनहरा वक्त होगा.
इजराइल ताकतवर और मजबूत: नेतन्याहू
ट्रंप से पहले नेतन्याहू बोले कि जो सैनिक मारे गए. उनके परिवारों का दुख समझता हूं. वे यह जानते हैं कि ये दुख आपका जिन्दगी भर रहेगा. नेतन्याहू ने कहा कि इन बहादुर सैनिकों के कारण इजराइल आगे बढ़ेगा. यहां पर शांति स्थापित हो सकेगी. इजराइल के दुश्मन समझ गए हैं कि इजराइल कितना मजबूत है.
उन्होंने एक सैनिक एरी स्पिट्ज को बुलाया, उसने लड़ाई में अपने दोनों पैर और एक हाथ को गंवा दिया. ट्रंप ने उस सैनिक को देखकर खड़े हुए. नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल के लोग यह वादा करते हैं कि हम कभी भी दुश्मनों के सामने कमजोर नहीं होंगे.7 अक्टूबर का हमला बड़ी गलती थी. दुश्मनों को पता चल गया है कि इजराइल हमेशा के लिए मजबूत रहेगा. यह ताकत ही शांति की असली वजह है.