प्रेसिडेंट ट्रंप ने रूस पर लगाए सबसे कड़े तेल प्रतिबंध, भारत-चीन पर भी असर पड़ने की आशंका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के दबाव में रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर भारी प्रतिबंध लगा दिए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के दबाव में रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर भारी प्रतिबंध लगा दिए हैं.

author-image
Ravi Prashant
New Update
russian president putin and trump

रूसी राष्ट्रपति पुतिन और प्रेसिडेंट ट्रंप Photograph: (ANI)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के दबाव के तहत रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर तगड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ये कंपनियां क्रेमलिन की युद्ध मशीन को फंड करती हैं, इसलिए इन पर कार्रवाई जरूरी थी.

Advertisment

यूरोपीय संघ ने लगाए प्रतिबंध

यह कदम ब्रिटेन और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों के बाद आया है. ब्रिटेन ने पहले ही Rosneft और Lukoil पर रोक लगाई थी, जबकि यूरोपीय संघ ने रूस पर अपने 19वें प्रतिबंध पैकेज को मंजूरी दी है, जिसमें रूसी LNG आयात पर बैन शामिल है. अमेरिका ने जापान से भी रूस से गैस खरीद बंद करने का आग्रह किया है.

रूसी अर्थव्यवस्था को लग सकता 

ट्रंप प्रशासन ने अब तक रूस पर सीधे सैन्य प्रतिबंध लगाने से बचते हुए व्यापारिक कदमों का सहारा लिया था. लेकिन इन नए प्रतिबंधों से रूसी अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि तेल और गैस से आने वाला टैक्स मॉस्को के कुल बजट का लगभग 25% है. विशेषज्ञों के मुताबिक इसका असर वैश्विक कच्चे तेल के व्यापार पर भी पड़ेगा.

भारत है सबसे बड़ा ग्राहक

रूस के सबसे बड़े ऊर्जा ग्राहक चीन और भारत हैं. पिछले साल चीन ने रिकॉर्ड 100 मिलियन टन रूसी क्रूड ऑयल खरीदा था, जो उसके कुल आयात का 20% था. वहीं भारत, 2022 के बाद से, सस्ते रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. करीब 17 लाख बैरल प्रतिदिन.

भारत पर लगाया है टैक्स

ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया है, यह कहते हुए कि भारत रूस से अत्यधिक तेल खरीद रहा है. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि भारत अब रूस से ज्यादा तेल नहीं खरीदेगा और वह भी युद्ध समाप्ति चाहता है. भारत ने जवाब में कहा है कि उसका मकसद केवल भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है.

भारतीय सरकारी तेल कंपनियां कर रही हैं समीक्षा

इधर, खबर है कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियां IOC, BPCL, HPCL और MRPL अब अपने सभी रूसी तेल सौदों की समीक्षा कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई आपूर्ति सीधे Rosneft या Lukoil से नहीं आ रही.

रूस ने इस कदम को “राजनयिक प्रयासों के लिए नुकसानदायक” बताया है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, “रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुका है और अपनी ऊर्जा क्षमता को मज़बूती से आगे बढ़ाता रहेगा.”

ये भी पढ़ें- यूक्रेन वार पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पुतिन संग बैठक रद्द, ट्रंप ने इसे बताया समय की बर्बादी

president-donald-trump india russia oil news india russia oil deal India Russia Oil trade russia usa relations
Advertisment