मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने राष्ट्रीय संप्रभुता को लेकर कड़े कदम उठाए हैं. देश में अवैध गतिविधियों में शामिल विदेशियों पर कठोर दंड लगाने को लेकर दो संवैधानिक संशोधनों पर हस्ताक्षर किए. वाशिंगटन की ओर से बुधवार को छह मैक्सिकन ड्रग कार्टेलों को आतंकवादी संगठन में शामिल किया गया था.
अमेरिका के इस फैसले के बाद अब मेक्सिको ने भी पलटवार किया है. राष्ट्रपति ने कहा, मेक्सिको सहयोग और समन्वय के सिद्धांत पर काम करता है. कभी अधीनता नहीं रखता है.
शिनबाम ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते है कि हम संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेंगे. संविधान के अनुच्छेद 40 में किए गए संशोधनों में से एक में कहा गया, किसी भी परिस्थिति में मेक्सिको के लोग हस्तक्षेप, घुसपैठ या किसी भी विदेशी कृत्य को स्वीकार नहीं करेंगे. ये राष्ट्र की अखंडता, स्वतंत्रता या संप्रभुता को नुकसान पहुंचाता है.
उन्होंने कहा कि कोई भी विदेशी प्राधिकरण मैक्सिकन राज्य की स्पष्ट अनुमति के बिना मैक्सिको के अंदर जांच या अभियोजन नहीं चला सकता है. शिनबाम ने दोहराया कि मेक्सिको का विदेश मंत्रालय अमेरिकी बंदूक निर्माताओं और वितरकों के खिलाफ अपने मुकदमे में विस्तार कर रहा है. उन पर मेक्सिको में हथियारों के अवैध प्रवाह में मिलीभगत का आरोप है.
ट्रंप ने लगाया था बड़ा आरोप
मेक्सिकन राष्ट्रपति का यह बयान तब सामने आया जब एक दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि मेक्सिको "ड्रग कार्टेल की ओर से चलाया जाता है." इन आपराधिक संगठन को अमेरिकी सरकार ने आतंकवादी बताया है. ट्रंप ने आरोप लगाया कि मेक्सिकन अधिकारियों ने लाखों लोगों को अवैध रूप से अमेरिका भेजा है. उन्होंने आव्रजन के प्रवाह को रोकने को लेकर सहायता की पेशकश की. आपको बता दें कि दोनों देशो के अफसरों ने कई मुद्दों पर बातचीत की. वे इस सप्ताह वाशिंगटन में मिलने वाला है.