Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के साथ ही प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की समाप्ति हो जाएगी. ऐसे में महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. क्योंकि महाशिवरात्रि के मौके पर संगम में आखिरी स्नान होगा. इसलिए बुधवार को प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. इस बीच भारत के पड़ोसी देश नेपाल के मंदिर में भी महाशिवरात्रि के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.
पशुपतिनाथ मंदिर में लगेगी श्रद्धालुओं की भीड़
ऐसा माना जा रहा है कि महाशिवरात्रि के मौके पर नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में नेपाल और भारत के करीब 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं. जिसके लिए सुरक्षा के इंतजाम कर लिए गए हैं. मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित पांचवीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए काठमांडू आ रहे हैं. बता दें कि महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है.
महाशिवरात्रि के लिए पूरी की गई तैयारियां
महाशिवरात्रि के लिए पशुपतिनाथ मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पशुपति ट्रस्ट की प्रवक्ता रेवती अधिकारी ने बताया कि इस भव्य अवसर के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. रेवती ने कहा कि इस दिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कुल 10,000 सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ 5,000 स्वयंसेवकों को तैनाय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर महाशिवरात्रि को तड़के 2.15 बजे खुल जाएगा. जहां श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वारों से शिवलिंग के दर्शन की व्यवस्था की गई है.
जिला प्रशासन ने जारी किया नोटिफिकेशन
महाशिवरात्रि को देखते हुए काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें कहा गया है कि मंदिर के आसपास शराब, मांस और मछली के उत्पादन, बिक्री, उपभोग और उपयोग पर प्रतिबंध लागू रहेगा. नोटिस में ये भी कहा गया है कि पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में और उसके आसपास सोमवार से गुरुवार तक शराब, मांस और मछली पर प्रतिबंध रहेगा.
वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा. बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी यानी बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन भारी संख्या में शिवभक्त शिवालयों में जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं.