रमजान का महीना अब खत्म होने वाला है और ईद आने वाली है. भारत सहित दुनिया के हर एक देश के मुस्लिम ईद को लेकर उत्साहित हैं. इस्लामिक देशों में तो रौनक देखने ही लायक है. हालांकि, एक मुस्लिम देश ऐसा भी है, जो सूरज ढलते ही अंधेरे में डूब जाता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सीरिया के बारे में. सीरिया एक वक्त में विकसित देशों में से एक था पर आज सीरिया के हालत कुछ और ही हैं.
दरअसल, सीरिया के सबसे बड़े शहर दमिश्क और दारा सहित अधिकांश इलाके सूरज के डूबते ही अंधेरे में डूब जाते हैं. गली-मोहल्ले, बाजार, घर कहीं भी लाइट ही नहीं होती. लोग अपने मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पा रहे हैं. फ्रिज में रखा खाना भी खराब हो जा रहा है. हर दिन यहां के लोग अपनी रात अंधेरे में ही बिता रहे हैं. वजह बिजली नहीं होना. सीरिया में लोगों को 24 घंटे में सिर्फ दो घंटे ही बिजली मिलती है, जो लाजिम है कि नाकाफी है.
दो घंटे की बिजली में लोग कुछ कर ही नहीं पाते. लोग सोलर पैनल या फिर जनरेटर भी नहीं लगवा सकते हैं, क्योंकि उनके पास इतने पैसे ही नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के हालात ऐसे हैं, जैसे आपातकाल घोषित हो गया है. लोग राशन और पानी की कमी से जूझ रहे हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो सीरिया के 90 प्रतिशत लोग गरीबी में रह रहे हैं.
ईद का माहौल और बिजली की उम्मीद
ईद आने वाली है. ऐसे में सीरियाई लोग अपनी परंपराओं के अनुसार, ईद की तैयारी कर रहे हैं लेकिन बिजली की कमी को डर के माहौल में उनका मन ही नहीं लग रहा है. आशंका है कि सीरियाई लोगों को ईद भी अंधेरे में ही मनानी पड़ेगी और डर के माहौल में ही जश्न मनाना होगा.
आखिर कब मिलेगी राहत?
सीरियाई लोगों के लिए बिजली का समाधान इतनी जल्दी नहीं हो पाएगा. सीरिया के तेल का उद्योग नुकसान में है. लंबे संघर्ष के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. जिसे दोबारा खड़ा करना बहुत मुश्किल है. सीरियाई सरकार लोगों की मदद के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बावजूद इसके सीरियाई लोगों के लिए वह समाधान ऊंट के मुंह में जीरा जैसा होगा. सीरिया की अर्थव्यवस्था भी डूबी हुई है, जिसका सुधरना तो दशकों तक मुश्किल है.