राहुल गांधी की राजनीति में स्पष्टता की कमी: शांभवी चौधरी
चुनावों से पहले भाषा विवाद खड़ा करना भाजपा की डिवाइड एंड रूल की नीति का हिस्सा : आदित्य ठाकरे
सहकारी बैंक ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों-सखी मंडलों को ऋण देने की प्रक्रिया में लाएं तेजी : सीएम भूपेंद्र पटेल
भारत में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक सभी को सहायता दे रही सरकार : राजकुमार सिंह
पंजाब में हर परिवार को मिलेगा 10 लाख तक का फ्री इलाज, ऐसे मिलेगा लाभ
IND vs ENG: लॉर्ड्स में कीर्तिमान रचेंगे शुभमन दिल, एक साथ राहुल द्रविड़ और विराट कोहली को पीछे छोड़ने का मौका
राष्ट्रपति लूला ने प्रधानमंत्री मोदी को ब्राजील के सर्वोच्च अवॉर्ड से किया सम्मानित
पुराने वाहनों की उम्र नहीं, प्रदूषण तय करे उनकी विदाई : मनजिंदर सिंह सिरसा (आईएएनएस इंटरव्यू)
इंग्लैंड ओली पोप की जगह जैकब बेथेल को मौका दे : दिनेश कार्तिक

स्विट्ज़रलैंड ने भारत के साथ तोड़ा ये रिश्ता, व्यापारिक रिश्तों पर पड़ सकता है असर

स्विट्ज़रलैंड ने भारतीय कंपनियों से प्राप्त लाभांश पर दस प्रतिशत का कर लगाने का ऐलान किया है. इसे साथ 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा भी निलंबित किया है. 

स्विट्ज़रलैंड ने भारतीय कंपनियों से प्राप्त लाभांश पर दस प्रतिशत का कर लगाने का ऐलान किया है. इसे साथ 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा भी निलंबित किया है. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
swiss flag

swiss flag (social media)

स्विट्ज़रलैंड ने भारतीय कंपनियों से प्राप्त लाभांश पर 10% कर लगाने की घोषणा की है. इसके साथ ही भारत को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) का दर्जा निलंबित कर दिया है. यह कदम स्विट्ज़रलैंड की ओर से हाल ही में किए गए एक अहम निर्णय का हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों पर असर डाल सकता है.

Advertisment

कर ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम

स्विट्ज़रलैंड के वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह कर लगाना भारत से लाभांश आय के प्रवाह पर नए नियमों के तहत किया गया है. इससे पहले भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच एमएफएन का दर्जा होने के कारण, भारतीय कंपनियों को स्विट्ज़रलैंड से प्राप्त लाभांश  पर विशेष कर लाभ मिलता था. अब इस दर्जे के निलंबन से भारत को व्यापारिक नुकसान हो सकता है, वहीं स्विट्ज़रलैंड के लिए यह कदम अपने घरेलू कर ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है.

निवेश के लिए नई चुनौतियां 

भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच यह कदम व्यापार और निवेश के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि स्विट्ज़रलैंड यूरोप में एक प्रमुख वित्तीय केंद्र है और दोनों देशों के बीच वित्तीय लेन-देन में यह बदलाव महत्वपूर्ण हो सकता है.

अतिरिक्त कर भार का सामना करना पड़ेगा

इस फैसले के बाद, भारतीय कंपनियों को स्विट्ज़रलैंड से लाभांश प्राप्त करने पर अतिरिक्त कर भार का सामना करना पड़ेगा, जो उनके वित्तीय प्रदर्शन पर असर डाल सकता है. भारत सरकार और स्विट्ज़रलैंड के अधिकारियों के बीच इस मसले पर बातचीत जारी है.

newsnation Newsnationliveupdates Newsnationlatestnews Switzerland india switzerland
      
Advertisment