ICT के फैसले पर सामने शेख हसीना पहला बयान, जानें सजा-ए-मौत पर क्या कहा?

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को  इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) की ओर से मौत की सजा सुनाई गई है. इस मौत की सजा के बाद शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया आ गई है

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को  इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) की ओर से मौत की सजा सुनाई गई है. इस मौत की सजा के बाद शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया आ गई है

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Dheeraj Sharma
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Shaikh Hasina on death setencse

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को  इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) की ओर से मौत की सजा सुनाई गई है. इस मौत की सजा के बाद शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया आ गई है. हसीना ने आईसीटी की ओर से दी गई मौत की सजा को एक 'पक्षपातपूर्ण, राजनीतिक और अवैध फैसला' बताया है. नई दिल्ली से दिए अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह फैसला न तो निष्पक्ष है और न ही किसी कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करता है. 

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ICT को बताया ‘फर्जी अदालत’

इतना ही नहीं 78 वर्षीय हसीना ने कहा कि ICT न तो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है और न ही उसके पास वैध जनादेश है.  हसीना के मुताबिक,  मुकदमा उनकी अनुपस्थिति में चलाया गया, उन्हें वकील चुनने का अधिकार नहीं मिला  और तो और उन्हें बचाव का उचित अवसर भी नहीं दिया गया. ऐसे में आईसीटी की निष्पक्षता भी सवालों के घेरे में है. 

हसीना ने दावा किया कि ICT 'केवल अवामी लीग के नेताओं को निशाना बना रहा है,' जबकि विपक्षी दलों के हिंसक कृत्यों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. 

भारत में शरण और छात्र आंदोलन का विवाद

बता दें कि शेख हसीना 5 अगस्त 2024 से भारत में शरण लिए हुए हैं, जब बांग्लादेश में छात्र आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था. ICT ने उन पर आरोप लगाया है कि छात्र आंदोलन के दौरान हुए दमन में सैकड़ों नागरिकों की मौत हुई और यह 'मानवता के खिलाफ अपराध' की श्रेणी में आता है. लेकिन हसीना का कहना है कि सरकार उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश कर रही है और मौत का आंकड़ा 'तथ्यों पर आधारित नहीं' है.

यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप

हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर संवैधानिक नियमों की अनदेखी करते हुए सत्ता हथियाने का आरोप लगाया. शेख हसीना की मानें तो  शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गई, पत्रकारों को प्रताड़ित किया गयाऔर अवामी लीग समर्थकों की सैकड़ों संपत्तियाँ नष्ट कर दी गईं.  उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार 'चरमपंथी ताकतों का सहारा लेकर देश को डराने' का काम कर रही है.

मौत के आंकड़ों पर सवाल

ICT की ओर से बताए गए 1,400 से अधिक मृतकों के आंकड़े को हसीना ने खारिज करते हुए कहा कि बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल 614 परिवारों को ‘शहीद’ का दर्जा दिया है. उनका दावा है कि अभियोजन पक्ष ने गवाहों पर दबाव डालकर बयान दर्ज करवाए, जिससे ट्रायल की विश्वसनीयता और संदिग्ध हो जाती है.

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