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पकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान का लोग उड़ा रहे मजाक Photograph: (Social Media)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर अपने विवादित और महत्वाकांक्षी बयानों को लेकर चर्चा में आ गए हैं. हाल ही में एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत से आगे नहीं बढ़ा, तो उनका नाम शहबाज शरीफ नहीं रहेगा. इस बयान ने पाकिस्तान और भारत दोनों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का नया बयान, जनता को दिखाया बड़े सपनों का ख्वाब
पाकिस्तानी पीएम ने यह दावा किया कि उनकी सरकार पाकिस्तान को भारत से अधिक विकसित और समृद्ध देश बनाएगी. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे अपने नाम तक को बदलने के लिए तैयार हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या उनके पास इस दावे को पूरा करने की रणनीति और संसाधन हैं?
पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक स्थिति
शहबाज शरीफ के इस दावे को उनकी राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि हकीकत में पाकिस्तान की हालत काफी खराब है.
आर्थिक संकट: रिपोर्ट्स की माने तो पाकिस्तान इस समय भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है और विदेशी कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है.
विदेशी कर्ज: IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) से बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है, जिससे पाकिस्तान की आर्थिक निर्भरता बढ़ गई है.
बिजली और पेट्रोल संकट: देश में बिजली संकट गहरा चुका है और पेट्रोल-डीजल के दाम आम जनता की पहुंच से बाहर हो गए हैं.
क्या पाकिस्तान भारत की बराबरी कर सकता है?
भारत और पाकिस्तान की तुलना करें, तो दोनों देशों की स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर है.
GDP (सकल घरेलू उत्पाद): इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है, जबकि पाकिस्तान की GDP मात्र 376 बिलियन डॉलर है.
वैश्विक कूटनीति (ग्लोबल डिप्लोमेसी): भारत विश्व स्तर पर एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है, जबकि पाकिस्तान को कर्ज मांगने के लिए कई देशों के चक्कर काटने पड़ते हैं.
तकनीकी और औद्योगिक विकास: भारत टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स और औद्योगिक क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में गिना जाता है, जबकि पाकिस्तान अभी भी बुनियादी ढांचे की समस्याओं से जूझ रहा है.
जनता की प्रतिक्रिया
शहबाज शरीफ के इस बयान पर पाकिस्तान की जनता भी दो भागों में बंटी हुई नजर आ रही है. कुछ लोग इसे उनका आत्मविश्वास मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे हकीकत से परे बयान बता रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है.
If I don't defeat #India, my name is not Shehbaz Sharif," says PM Shehbaz, pledging to outpace regional rivals like India in development. Speaking in Dera Ghazi Khan, he emphasized the need for unprecedented federal-provincial collaboration to steer Pakistan towards progress.… pic.twitter.com/nQudEuLH2K
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) February 22, 2025
क्या यह केवल चुनावी रणनीति है?
विश्लेषकों का मानना है कि शहबाज शरीफ का यह बयान महज एक राजनीतिक चाल है. पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के कारण नेता इस तरह के दावे करके जनता को आश्वासन देने की कोशिश करते हैं. हालांकि, पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह बयान हकीकत में बदल पाएगा या नहीं.
शहबाज शरीफ का दावा चाहे जितना बड़ा हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पाकिस्तान को भारत की बराबरी करने के लिए लंबा सफर तय करना होगा. फिलहाल, पाकिस्तान अपनी आर्थिक समस्याओं, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. ऐसे में यह कहना कि पाकिस्तान जल्द ही भारत से आगे निकल जाएगा, हकीकत से कोसों दूर लगता है.
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