Sheikh Hasina's son praised PM Modi: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपनी मां को भारत में शरण देने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया. इसके साथ ही उन्होंने शेख हसीना के वीजा रद्द किये जाने की खबरों का भी खंडन किया. सजीब वाजेद ने कहा कि किसी ने भी अवामी लीग नेता (शेख हसीना) का वीजा रद्द नहीं किया. ना ही उन्होंने कहीं राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है.
सजीब वाजेद जॉय ने की पीएम मोदी की तारीफ
एक वीडियो संदेश में सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि, मेरी मां की जान बचाने के लिए पीएम मोदी की सरकार की त्वरित कार्रवाई के लिए मेरा व्यक्तिगत आभार है. उन्होंने कहा कि, मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा. मेरा दूसरा संदेश यह है कि भारत को दुनिया में नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए. सजीब वाजेद ने आगे कहा कि, अन्य विदेशी शक्तियों को स्थिति को नियंत्रित नहीं करने देना चाहिए. जॉय ने कहा कि, क्योंकि बांग्लादेश भारत का पड़ोसी है और ये भारत का पूर्वी भाग है. हमारी सरकार ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखी थी. यह एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसे कोई भी नकार नहीं सकता.
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उन्होंने कहा कि शेख हसीना की सरकार ने बांग्लादेश में शांति के साथ आर्थिक विकास को बनाए रखा और देश में बढ़ते उग्रवाद को भी रोका. उन्होंने कहा कि, हम एकमात्र सरकार हैं, जिसने साबित किया है कि हम यह कर सकते हैं. जॉय ने कहा कि अन्य सरकारों ने कोशिश की लेकिन वे विफल रही.
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शेख हसीना के वीजा रद्द पर क्या बोले सजीब
पूर्व पीएम के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने शेख हसीना का वीजा रद्द होने की खबर को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, अवामी लीग नेता का किसी ने भी वीजा रद्द नहीं किया है. और ना ही उन्होंने कहीं राजनीतिक शरण मांगने के लिए आवेदन किया है. इन सब खबरों को सजीब ने अफवाह करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने शेख हसीना की जान बचाने के लिए पीएम मोदी का आभार भी जताया.
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वाजेद ने नई सरकार को बताया असंवैधानिक
इसके साथ ही शेख हसीना के बेटे वाजेद ने बांग्लादेश की नई सरकार को असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा कि, क्योंकि बांग्लादेशी संविधान में कहा गया है कि गैर-निर्वाचित सरकार सत्ता में नहीं रह सकती. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान कहता है कि गैर-निर्वाचित सरकार एक मिनट के लिए भी देश नहीं चला सकती. उन्होंने कहा कि जिस दिन संसद भंग होती है, उसके 90 दिनों के भीतर नए चुनाव होने चाहिए, नियम यही कहता है. बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली.
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