मिडिल ईस्ट में युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं. इजराइल ईरान पर हमले के लिए तैयार है, वहीं अमेरिका-ईरान के बीच न्यूक्लियर डील पर बातचीत चल रही है. इसी बीच सऊदी अरब के डिफेंस मिनिस्टर प्रिंस खालिद बिन सलमान का ईरान दौरा एक बड़ा संकेत है.
करीब दो दशक बाद कोई सऊदी शाही सदस्य ईरान पहुंचा है. उन्होंने ईरानी सेना प्रमुख और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामिनई से मुलाकात की. खामिनई ने भी रिश्ते मजबूत करने की बात कही है.
सऊदी और ईरान लंबे समय से शिया-सुन्नी विवाद और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर आमने-सामने रहे हैं. लेकिन अब चीन की मध्यस्थता से दोनों देश पास आ रहे हैं. विश्लेषकों के मुताबिक यह बदलाव सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास की दिशा में उठाया गया कदम है.
सऊदी अब अमेरिका पर निर्भरता कम कर रहा है और ईरान के साथ नई समझदारी बना रहा है. ऐसे में सवाल यह है — क्या शिया-सुन्नी मिलकर अब इजराइल के खिलाफ खड़े हो सकते हैं?