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kafala labor system Photograph: (social media)
Kafala Labor System: सऊदी अरब ने हाल ही में कफाला श्रम प्रणाली को खत्म करने का निर्णय लिया है. इसका लक्ष्य विदेशी कामगारों के अधिकारों की रक्षा करना और श्रम बाजार को अधिक लचीला बनाना है. इस प्रणाली के तहत, विदेशी कामगारों को अपने नियोक्ताओं के प्रति जवाबदेह माना जाता था. वे बिना उनके अनुमति के न तो नौकरी बदल सकते थे और न ही देश छोड़ सकते थे. इस प्रणाली की आलोचना हो रही थी. इससे अक्सर श्रमिकों के शोषण और उनके अधिकारों के हनन के लिए जाना जाता रहा है.
नई व्यवस्था से ऐसे मिलेगा लाभ
इसके हटने से कामगारों को नियोक्ता से स्वतंत्रता मिल गई है. विदेशी कामगार अब अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे और देश छोड़ सकेंगे. इसके अलावा कामगारों को श्रम अनुबंध से भी छुटकारा मिल गया है. श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच लिखित अनुबंध होंगे. इससे दोनों पक्षों के अधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट होंगी. विदेशी कामगारों को अब अपनी सेवाएं खत्म होने पर देश में रहने के लिए अधिक समय मिल सकेगा. इससे वे नई नौकरी को ढूंढ़ सकेंगे और देश छोड़ना आसान होगा. कानून हटने से नियोक्ताओं को मजदूरी का भुगतान करना होगा, और ऐसा न करने पर श्रमिकों के शिकायत करने का अधिकार होगा.
भारतीय कामगारों पर कितना करेगा असर?
इस श्रम प्रणामी को खत्म करने से 23 लाख से अधिक भारतीय प्रभावित होंगे. सऊदी अरब में लगभग 23 लाख भारतीय कामगार हैं. इनमें से अधिकांश इस सुधार से लाभान्वित हो सकते हैं. इसके साथ कामकाजी हालात बेहतर होंगे. श्रमिकों को बेहतर कामकाजी परिस्थितियों मिलेंगी. नौकरी के अवसरों में तेजी आएगी. इस सुधार से भारतीय कामगारों के लिए सऊदी अरब में नौकरी के अवसर तेजी से बढ़ सकते हैं. वे अपनी योग्यता और कौशल के अनुसार नौकरी चुन सकेंगे.
लक्ष्य अर्थव्यवस्था को विविधता प्रदान करना है
यह बदलाव सऊदी अरब के विजन 2030 का हिस्सा बताया जा रहा है. इसका लक्ष्य अर्थव्यवस्था को विविधता प्रदान करना है. विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है. इस सुधार से न केवल विदेशी कामगारों के अधिकारों की सुरक्षा होगी. इसके साथ सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल सकेगी.
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