शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के बीच 26 जून को चीन के क्विंगदाओ शहर में द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा विवाद, विश्वास बहाली और एशिया में स्थिरता को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.
राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच जटिल मुद्दों का समाधान एक सुव्यवस्थित, स्थायी संवाद और डी-एस्केलेशन रोडमैप के माध्यम से किया जाना चाहिए. उन्होंने स्थापित तंत्रों को पुनर्जीवित कर सीमा निर्धारण (बॉर्डर डिमार्केशन) का स्थायी समाधान खोजने की आवश्यकता बताई.
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि 2020 की सीमा झड़पों के बाद उत्पन्न विश्वास संकट को जमीनी स्तर पर ठोस कार्यवाही के माध्यम से दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें अच्छे पड़ोसी जैसे हालात बनाने होंगे ताकि हम एशिया और दुनिया की स्थिरता के लिए एकजुट होकर कार्य कर सकें और आपसी लाभ सुनिश्चित किया जा सके."
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि सीमा प्रबंधन, सैन्य विमुक्ति (डिसएंगेजमेंट), तनाव घटाने (डी-एस्केलेशन) और अंततः सीमाओं के स्पष्ट निर्धारण (डिलिमिटेशन) के लिए स्थापित तंत्रों के तहत विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखा जाएगा. बैठक में राजनाथ सिंह ने भारत-चीन के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कैलाश मानसरोवर यात्रा के पांच वर्षों बाद पुनः आरंभ होने की सराहना की.
पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी
इसके साथ ही, उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले और इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में भी अपने चीनी समकक्ष को जानकारी दी.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन के बीच सीमा संबंधों में तनावपूर्ण विराम के बाद संवाद की बहाली की कोशिशें चल रही हैं. दोनों देशों द्वारा इस बैठक को भविष्य में विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.