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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत पहुंचने वाले हैं और उनके आगमन से पहले ही राजधानी दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया है. रूसी सुरक्षा एजेंसी की टीमें पहले ही दिल्ली में उतर चुकी हैं और होटल से लेकर कार्यक्रम स्थल तक हर इंच की गहन जांच कर रही हैं. पुतिन का सिक्योरिटी प्रोटोकॉल दुनिया के सबसे सख्त और अत्याधुनिक व्यवस्थाओं में गिना जाता है, जो कई मामलों में अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा से भी अधिक कड़ा माना जाता है.
राष्ट्राध्यक्षों में सबसे अलग-पुतिन की सुरक्षा शैली
किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष के दौरे पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था तो तय होती है, लेकिन पुतिन की सुरक्षा का स्तर उससे कहीं ज्यादा उन्नत और गुप्त रहता है. उनकी सुरक्षा टीम कार्यक्रम स्थल को पहुंचने से पहले ही एक सुरक्षित जोन में बदल देती है, जहां संभावित खतरों की संभावना को शून्य कर दिया जाता है. आम नागरिकों के बीच मिलकर काम करने वाले रूसी एजेंट किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत नजर रखते हैं, और उनकी पहचान करना लगभग असंभव होता है.
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ऑरस सीनेट: पुतिन की अभेद्य कार
पुतिन जिस कार का इस्तेमाल करते हैं- Aurus Senat वह पूरी तरह रूस में डिजाइन की गई एक हाई-एंड आर्मर्ड लिमोज़ीन है। इसे ऑरस मोटर्स और NAMI के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है. इसमें 6 सेंटीमीटर मोटे बुलेट और ब्लास्ट-रेसिस्टेंट ग्लास लगाए गए हैं. यह कार केमिकल अटैक तक झेलने में सक्षम है. सभी टायर पंचर हो जाने पर भी यह कार लगातार चलती रहती है. इसकी शीर्ष गति लगभग 249 किमी/घंटा है. कार में मौजूद सुरक्षा फीचर्स इतने गोपनीय हैं कि दुनिया के सामने बहुत कम जानकारी ही साझा की गई है.
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इल्यूशिन IL-96: हवा में उड़ता क्रेमलिन
पुतिन की हवाई यात्रा के लिए तैयार किया गया IL-96-300 PU एक उड़ता हुआ कमांड सेंटर है. इसे ‘Flying Kremlin’ कहा जाता है. पुतिन के साथ हमेशा दो बैकअप विमान हवा में चलते हैं. किसी भी तकनीकी दिक्कत पर वे तुरंत दूसरे प्लेन में शिफ्ट कर दिए जाते हैं. किसी विदेशी इंजीनियर को aircraft को छूने तक की अनुमति नहीं होती. विमान में न्यूक्लियर कमांड बटन मौजूद है, जिससे पुतिन सीधे आदेश दे सकते हैं. रूसी एयरफोर्स के फाइटर जेट्स प्लेन को लगातार एस्कॉर्ट करते हैं.
निजी टॉयलेट और मोबाइल बाथरूम
पुतिन की सुरक्षा टीम उनकी निजता के साथ सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. इसी वजह से वह हर विदेश यात्रा पर अपना निजी पोर्टेबल टॉयलेट साथ ले जाते हैं ताकि कोई भी जैविक नमूना विदेशी भूमि पर न रह जाए. विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी व्यक्ति का जैविक नमूना स्वास्थ्य और DNA संबंधी संवेदनशील जानकारी दे सकता है, इसलिए इसे जोखिम माना जाता है.
पुतिन मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते. ऐसे में उनकी टीम होटल में विशेष टेलिफोन बूथ और मोबाइल बाथरूम इंस्टॉल करती है, जिसे सिर्फ उनकी टीम ही संचालित करती है.
हर कदम पर सुरक्षा, स्नाइपर, लैब और निजी शेफ
‘द मॉस्को टाइम्स’ के अनुसार, पुतिन की यात्रा से पहले ऊंची इमारतों पर प्रशिक्षित स्नाइपर पहले से तैनात कर दिए जाते हैं। किसी भी संदिग्ध हरकत पर वे तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं. सुरक्षा काफिले में एक पोर्टेबल लैब भी होती है, जो पुतिन के भोजन और पेय पदार्थों की रासायनिक व जैविक जांच करती है. उनका निजी शेफ हमेशा साथ रहता है, और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री फल, सब्जियां, पानी, मसाले सब कुछ रूस से ही लाया जाता है.
व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा दुनिया की सबसे उन्नत, गुप्त और परत दर परत संरक्षित व्यवस्थाओं में शामिल है. भारत दौरे से पहले चल रही तैयारियां इसी बात का प्रमाण हैं कि उनकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाती.
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