अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया. प्रदर्शन फलस्तीन समर्थकों ने निकाला है. प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन पार्क से लेकर लोअर मैनहट्टन स्थित सिटी हॉल तक मार्च किया. पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.
दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने पिछले शुक्रवार को न्यूयॉर्क शहर में कोलंबिया विश्वविद्यालय के लिए 400 मिलियन डॉलर की फेडरल फंडिंग रोक दी. यहूदी विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार ने ये फैसला किया था. सरकार ने साथ में अन्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा शुरू कर दी है.
शुक्रवार को एक यहूदी विरोध गिरफ्तार
कोलंबिया विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर रहे छात्र महमूद खलील को शनिवार को विश्वविद्यालय के हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया था. अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के कर्मचारियों ने ये गिरफ्तारी की थी. खलील अमेरिका के स्थायी निवासी हैं. उन्होंने पिछले साल अप्रैल में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हुए फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभाई थी. खलील की पत्नी अमेरिका की नागरिक हैं. वे आठ माह की गर्भवती है. आईसीई ने उन्हें भी धमकी दी है.
गिरफ्तारी पर क्या बोले ट्रंप
ट्रंप प्रशासन के फैसले के बाद से फलस्तीन समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा मिल गया है. खलील की गिरफ्तारी के बारे में सोमवार को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि ये आने वाली कई गिरफ्तारियों में से पहली गिरफ्तारी है. हमें पता है कि कोलंबिया के साथ-साथ देश भर के अन्य विश्वविद्यालयों में भी ऐसे बहुत सारे छात्र हैं, जो आतंकवाद समर्थक हैं, यहूदी विरोधी हैं, अमेरिकी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. ट्रंप प्रशासन इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा.
मार्च के दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडे लहराए थे
बता दें, मार्चिंग के दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने फलस्तीनी झंडों को लहराया था. उन पर लिखा था- महमूद खलील को आजाद करो. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों की गिरफ्तारी के लिए आईसीई की मदद कर रहा है. ये एकदम गलत और अस्वीकार्य है. मार्टिन ने कहा कि हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए परिसर में आने की आईसीई को अनुमति दे दी.