पाकिस्तान सरकार ने अपने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को ‘फील्ड मार्शल’ बनाया है. भारतीय सेना ने इन हमलों में आतंक के ठिकानों को सटीक हमलों से तबाह किया. जब पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई, तो भारतीय वायुसेना ने उसके कई एयरबेस और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए जबरदस्त ड्रोन हमले किए. इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार इस पूरे घटनाक्रम को अपनी “रणनीतिक जीत” बता रही है.
शहबाज़ शरीफ सरकार द्वारा जनरल असीम मुनीर को यह उपाधि देना न सिर्फ सैन्य प्रतिष्ठा को मजबूत करने की कोशिश है, बल्कि आंतरिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय नजरों में एक सकारात्मक छवि गढ़ने की रणनीति भी मानी जा रही है.
अब सवाल उठता है – क्या यह सम्मान जमीनी सच्चाई से मेल खाता है या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक संदेश है?