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पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ Photograph: (RT TV)
तुर्कमेनिस्तान में आयोजित इंटरनेशनल पीस एंड ट्रस्ट फोरम के दौरान एक अप्रत्याशित घटना ने पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति को कठिन सवालों के घेरे में ला दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से निर्धारित मुलाकात की उम्मीद में करीब 40 मिनट तक इंतजार करते रहे, लेकिन पुतिन वहां नहीं पहुंचे.
लंबे इंतजार और अनिश्चितता के बाद अंततः शहबाज शरीफ अपनी पूरी टीम के साथ निराश होकर वापस लौट गए. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई है और पाकिस्तान में विपक्ष ने इसे एक बड़ी कूटनीतिक असफलता बताया है.
नहीं देखी होगी पाकिस्तानी पीएम की ऐसी बेचैनी
RT रशिया टीवी ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें शहबाज शरीफ स्पष्ट रूप से बेचैनी और निराशा से भरे नजर आ रहे हैं. उनके साथ डिप्टी पीएम इशाक डार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. वीडियो में देखा गया कि टीम के सदस्य आपस में बातचीत कर रहे हैं और माहौल असहज दिखाई दे रहा है. कई विश्लेषकों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसी घटनाएं किसी भी देश की प्रतिष्ठा को प्रभावित करती हैं और राजनयिक संतुलन पर भी असर डाल सकती हैं.
पीएम शहबाज शरीफ की हुई बेइज्जती
फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप अर्दोआन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शामिल थे. रिपोर्टों के मुताबिक, पुतिन और अर्दोआन की एक महत्त्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक फोरम के दौरान जारी थी, जिसके चलते पुतिन का शेड्यूल आगे बढ़ गया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाकात संभव नहीं हो पाई. हालांकि पाकिस्तानी पक्ष की ओर से आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है, लेकिन घटना ने दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना रूस और पाकिस्तान के बीच हाल के वर्षों में उभरी दूरी को प्रदर्शित करती है. भारत और रूस के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान की अपेक्षाओं पर पहले से ही प्रभाव पड़ा है. पुतिन का भारत दौरा पूरा करने के तुरंत बाद शहबाज शरीफ की अनदेखी होना पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संकेत माना जा रहा है.
विपक्ष का हमला और सोशल मीडिया पर बहस
पाकिस्तान के भीतर विपक्ष ने इस घटना को शहबाज सरकार की कूटनीतिक कमजोरी बताया है. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि प्रधानमंत्री को इतनी देर इंतजार करने के बाद लौटना पड़ा. कुछ यूजर्स ने इसे पाकिस्तान की वैश्विक स्थिति का प्रतिबिंब बताया है, जबकि कुछ ने पुतिन के व्यस्त शेड्यूल को कारण बताते हुए मामले को सामान्य बताया.
❗️पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने राष्ट्रपति पुतिन का 40 मिनट से ज्यादा समय तक किया इंतजार और फिर थककर चले गए - RT संवाददाता
— RT Hindi (@RT_hindi_) December 12, 2025
पुतिन उस वक्त तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन के साथ बातचीत कर रहे थे। pic.twitter.com/MtMS6YniDo
नोट- न्यूज नेशन इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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